अमित शाह को चुनाव आयोग की क्लीन चिट, नागपुर और नादिया में दिए भाषणों पर की गई थी शिकायत
चुनाव आयोग ने भाजपा प्रमुख अमित शाह को पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में दिए गए भाषणों में सशस्त्र बलों का उल्लेख करने के मामले में शुक्रवार को क्लीन चिट दे दी।
नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने भाजपा प्रमुख अमित शाह को पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में दिए गए भाषणों में सशस्त्र बलों का उल्लेख करने के मामले में शुक्रवार को क्लीन चिट दे दी। आयोग ने कहा कि उसका मानना है कि इन मामलों में आदर्श आचार संहिता या चुनाव आयोग के निर्देश का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है। गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल के कृष्णनगर में एक रैली में शाह ने कथित रूप से कहा था कि भारतीय वायु सेना के विमानों ने बालाकोट में आतंकी अड्डों पर बमबारी की थी। इससे पाकिस्तान और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कार्यालय में मातम था।
उन्होंने कथित रूप से यह भी कहा था कि इस साल फरवरी में पुलवामा में हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘अपनी वायु सेना’ को पाकिस्तान में आतंकी अड्डों को तबाह करने के लिए भेजा था। इससे लेकर कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने शाह के खिलाफ शिकायत की थी। जिस पर अब चुनाव आयोग ने अमित शाह को क्लीन चिट दे दी है। आयोग ने शाह के उस उस बयान में कुछ भी आचार संहिता के उल्लंघन जैसा नहीं पाया।
आयोग ने कहा कि परामर्शों, आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों के अनुरूप मामले का विस्तार से परीक्षण किया गया। नादिया के जिला चुनाव अधिकारी की ओर से भेजे गए भाषण की प्रति का पूरा परीक्षण करने के बाद आयोग का विचार है कि इस मामले में आदर्श आचार संहिता या चुनाव आयोग के निर्देशों का उल्लंघन नहीं हुआ। इसी तरह नौ अप्रैल को शाह ने नागपुर में आयोजित एक रैली में कथित रूप से कहा था कि समूचा देश बालाकोट में आतंकी अड्डों पर हमले का जश्न मना रहा था लेकिन सिर्फ पाकिस्तान और राहुल गांधी नीत कांग्रेस में मातम मन रहा था।
अमित शाह ने कहा था वायनाड में आयोजित हुई रैली ऐसी लग रही थी जैसे पाकिस्तान में आयोजित हुई हो। इस पर भी आयोग ने कहा कि आदर्श आचार संहिता या चुनाव आयोग के निर्देशों का उल्लंघन नहीं हुआ। बहरहाल, चुनाव आयोग ने भारतीय वायुसेना को ‘मोदी की वायुसेना’ बताने पर गोवा के मंत्री मौविन गोडिन्हो को नोटिस दिया है।
आयोग ने कहा कि आयोग ने सशस्त्र बलों का उल्लेख करने पर गोडिन्हा को नोटिस देने और छह मई शाम पांच से पहले अपना रूख स्पष्ट करने का मौका देने फैसला किया है। ऐसा करने में विफल रहने पर आयोग उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र होगा।