Lok Sabha Chunav 2019: आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम में लोकसभा चुनावों के साथ ही होंगे विधानसभा चुनाव: EC
चुनाव आयोग ने 17वीं लोकसभा का चुनाव सात चरण में, 11 अप्रैल से 19 मई के बीच कराने का फैसला किया है। सातों चरण के मतदान के बाद 23 मई को मतगणना होगी।
नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने 11 अप्रैल से 19 मई तक होने वाले लोकसभा चुनाव के साथ ही आंध्र प्रदेश, अरूणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम में भी विधानसभा चुनाव कराने का फैसला किया है। हालांकि, इस दौरान जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा कारणों से विधानसभा चुनाव नहीं होगा। चुनाव आयुक्तों अशोक लवासा और सुशील चंद्रा के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव कार्यक्रम घोषित करते हुए इसका ऐलान किया।
उन्होंने कहा कि सातों चरण के मतदान के दौरान पहले चरण में 11 अप्रैल को आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश और सिक्कम में लोकसभा सीटों के लिए होने वाले मतदान के साथ ही इन राज्यों की विधानसभा सीटों के लिए भी मतदान होगा। अरोड़ा ने स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर में लोकसभा सीटों के लिए पांच चरण में मतदान होगा।
उन्होंने बताया कि ओडिशा में लोकसभा चुनाव के लिए चार चरण में होने वाले मतदान के दिन ही विधानसभा सीटों के लिए भी मतदान होगा। इसके तहत राज्य में 11, 18, 23 और 29 अप्रैल को लोकसभा सीटों के साथ ही विधानसभा सीटों के लिए भी मतदान होगा। इन राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना भी लोकसभा चुनाव की मतगणना के साथ 23 मई को होगी।
अरोड़ा ने स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव, लोकसभा चुनाव के साथ नहीं होंगे। उल्लेखनीय है कि पिछले साल नवंबर में जम्मू कश्मीर विधानसभा भंग किए जाने के बाद मई से पहले राज्य में चुनाव कराना अनिवार्य है। जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा संबंधी जटिल हालातों को देखते हुए राज्य में फिलहाल लोकसभा सीटों पर ही चुनाव होगा।
उन्होंने कहा कि आयोग ने जम्मू-कश्मीर में लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव कराने के लिए पर्याप्त मात्रा में केंद्रीय सुरक्षा बलों की उपलब्धता नहीं हो पाने के कारण राज्य में सिर्फ लोकसभा चुनाव कार्य्रकम ही घोषित करने का फैसला किया है। राज्य में सुरक्षा हालात की संवेदनशीलता का हवाला देते हुए अरोड़ा ने कहा कि अनंतनाग लोकसभा सीट पर तीन चरणों में मतदान कराया जायेगा।
उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा का छह साल का कार्यकाल 16 मार्च 2021 तक निर्धारित था, लेकिन पिछले साल राज्य में सत्तारूढ़ पीडीपी-भाजपा गठबंधन टूटने के कारण विधानसभा भंग कर दी गई थी। संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार जम्मू-कश्मीर को छोड़कर अन्य सभी राज्यों की विधानसभा का कार्यकाल पांच वर्ष होता है।
नेशनल कांफ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव नहीं कराए जाने के के लिए मोदी सरकार की निंदा की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मजबूत नेतृत्व’ पर तंज कसते हुए ट्वीट कर कहा, ‘‘राज्य में 1996 के विधानसभा चुनाव के बाद पहली बार समय से विधानसभा चुनाव नहीं हो रहे हैं।’’