नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने 11 अप्रैल से 19 मई तक होने वाले लोकसभा चुनाव के साथ जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव, लोकसभा चुनाव के साथ नहीं कराने का फैसला किया है। रविवार को चुनाव आयुक्तों अशोक लवासा और सुशील चंद्रा के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव को एक साथ नहीं कराने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि आयोग ने जम्मू-कश्मीर में लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव कराने के लिए पर्याप्त मात्रा में केंद्रीय सुरक्षा बलों की उपलब्धता नहीं हो पाने के कारण राज्य में सिर्फ लोकसभा चुनाव कार्य्रकम ही घोषित करने का फैसला किया है। राज्य में सुरक्षा हालात की संवेदनशीलता का हवाला देते हुए अरोड़ा ने कहा कि अनंतनाग लोकसभा सीट पर तीन चरणों में मतदान कराया जायेगा।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल नवंबर में जम्मू कश्मीर विधानसभा भंग किए जाने के बाद मई से पहले राज्य में चुनाव कराना अनिवार्य है। जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा संबंधी जटिल हालातों को देखते हुए राज्य में फिलहाल लोकसभा सीटों पर ही चुनाव होगा। बता दें कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा का छह साल का कार्यकाल 16 मार्च 2021 तक निर्धारित था, लेकिन पिछले साल राज्य में सत्तारूढ़ पीडीपी-भाजपा गठबंधन टूटने के कारण विधानसभा भंग कर दी गई थी।
नेशनल कांफ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव नहीं कराए जाने के के लिए मोदी सरकार की निंदा की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मजबूत नेतृत्व’ पर तंज कसते हुए ट्वीट कर कहा, ‘‘राज्य में 1996 के विधानसभा चुनाव के बाद पहली बार समय से विधानसभा चुनाव नहीं हो रहे हैं।’’