मायावती के मन में हिलोरे मार रही है प्रधानमंत्री बनने की चाहत? जरा इस ट्वीट पर गौर कीजिए
मायावती ने बुधवार की शाम 4 बजकर 10 मिनट पर एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने इशारों ही इशारों में बहुत कुछ कह दिया।
नई दिल्ली: मायावती के मन में हिलोरे मार रही है प्रधानमंत्री बनने की चाहत? इस सवाल का कोई पुख्ता जवाब फिलहाल तो कोई नहीं है। लेकिन, मायावती के एक ताजे ट्वीट में इस सवाल का जवाब खोजा जा सकता है। मायावती ने बुधवार की शाम 4 बजकर 10 मिनट पर एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने इशारों ही इशारों में बहुत कुछ कह दिया।
उन्होंने ट्वीट में लिखा कि ‘जिस प्रकार 1995 में जब मैं पहली बार यूपी की सीएम बनी थी तब मैं यूपी के किसी भी सदन की सदस्य नहीं थी। ठीक उसी प्रकार केंद्र में भी पीएम/मंत्री को 6 माह के भीतर लोकसभा/राज्यसभा का सदस्य बनना होता है। इसीलिए अभी मेरे चुनाव नहीं लड़ने के फैसले से लोगों को कतई मायूस नहीं होना चाहिए।’
इस ट्वीट पर गौर किया जाए तो उन्होंने ये इशारा किया है कि वो भले ही चुनाव नहीं लड़ेंगे लेकिन प्रधानमंत्री या केंद्र में मंत्री बनने की राह उनके पास है और उनके समर्थकों या BSP के कार्यकर्ताओं को मायूस होने की जरूरत नहीं है। इसके लिए उन्होंने एक पूरी प्रक्रिया का जिक्र तो किया ही साथ में अपने पहली बार मुख्यमंत्री बनने का उदाहरण भी दिया।
ट्वीट से पहले बुधवार को ही बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने मीडिया से बात करते हुए ऐलान कर दिया था कि वो इस बार का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी। मायावती ने कहा था कि वह जब चाहें तब चुनाव जीत सकती हैं। इस दौरान बसपा सुप्रीमो ने भारतीय जनता पार्टी पर जमकर निशाना साधा।
मायावती ने कहा कि उनके चुनाव लड़ने के कारण कार्यकर्ता मना करने के बावजूद उनका प्रचार करने जाएंगे, जिससे बाकी सीटों पर असर पड़ सकता है, इसलिए उन्होंने चुनाव न लड़ने का फैसला किया है। मायावती ने कहा, 'मैं जब चाहूं तब लोकसभा का चुनाव जीत सकती हूं। हमारा गठबंधन बेहतर स्थिति में है। मैं लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ूंगी। आगे जरूरत पड़ने पर किसी भी सीट से चुनाव लड़ सकती हूं।'
आपको बता दें कि इससे पहले ऐसी चर्चा चली थी कि मायावती नगीना लोकसभा सीट से चुनाव लड़ सकती हैं। मायावती ने इस दौरान कहा कि मौजूदा हालात के अलावा पार्टी और जनहित को देखते हुए उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। उन्होंने कहा आगे जहां से चाहेंगी, वहां से सीट खाली कराकर और चुनाव लड़कर संसद जा सकती हैं।
मीडिया से बातचीत के दौरान मायावती का ये स्टेटमेंट भी उसी ओर इसारा कर रहा है, जिस ओर उनका ट्वीट कर रहा है। खैर, आपको बता दें कि यूपी की 80 लोकसभा सीटों पर समाजावादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल गठबंधन के तहत चुनाव लड़ रहे हैं।
गठबंधन के तहत बसपा 38, सपा 37 और रालोद 3 सीटों पर उपने उम्मीदवार उतारेगी। वहीं, दो सीटों अमेठी और रायबरेली को बिना गठबंधन किए कांग्रेस के लिए छोड़ दिया गया है। वहीं, कांग्रेस ने भी बदले में गठबंधन के लिए 7 सीटें छोड़ दी थीं, लेकिन इसे मायावती और अखिलेश ने कोई भाव नहीं दिया था।