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देवबंद का फतवा, 23 मई को बेहतर नतीजों के रोजाना 25 हज़ार बार आयत-ए-करीमा पढ़ें

देवबंद वो जगह है जहां से जारी हर फतवा, हर पैगाम हिन्दुस्तान के मुसलमानों के लिए पत्थर की लकीर मानी जाती है।

देवबंद का फतवा, 23 मई को बेहतर नतीजों के रोजाना 25 हज़ार बार आयत-ए-करीमा पढ़ें- India TV Hindi देवबंद का फतवा, 23 मई को बेहतर नतीजों के रोजाना 25 हज़ार बार आयत-ए-करीमा पढ़ें

नई दिल्ली: कल 23 मई को लोकसभा चुनाव 2019 का रिजल्ट आएगा लेकिन नतीजों से पहले सोशल मीडिया पर देवबंद का एक फरमान जमकर वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया पर दारूल उलूम के सदर मुफ्ती की एक चिट्ठी मोबाइल पर घूम रही है। देवबंद वो जगह है जहां से जारी हर फतवा, हर पैगाम हिन्दुस्तान के मुसलमानों के लिए पत्थर की लकीर मानी जाती है।

वैसे तो दारूल उलूम किसी की तरफदारी या मुखालफत के खुलेआम ऐलान से परहेज करता है लेकिन वक्त-वक्त पर यहां से जारी होने वाले सियासी पैगाम भी सुर्खियों में आते रहे हैं। चुनाव नतीजों से ऐन पहले ये ख़बर वायरल हो रही है कि देवबंद ने 23 मई के लिए एक फतवा जारी किया है।

इस ख़बर की बुनियाद है सोशल मीडिया पर दारूल उलूम के मुख्य मुफ्ती महमूद हसन बुलंदशहरी के नाम से जारी पैगाम। मुफ्ती हसन बुलंदशहरी खुद कैमरे के सामने नहीं बोलते लेकिन देवबंद के ही एक उलेमा ने कैमरे पर इसकी तस्दीक की है।

देवबंद के उलेमा मौलाना कारी इस्हाक गोरा ने कहा, “दारुल उलूम देवबंद के मुख्य मुफ्ती महमूद हसन साहब बुलंदशहरी ने जो एक पैगाम खास कर रमज़ान के मुबारक मौके पर चुनाव के मद्देनज़र दिया है, ये काबिले तारीफ है और मुसलमानों को इस पर अमल करने की ज़रूरत है। ये हक़ीक़त है कि हमलोग चुनाव को लेकर बहुत फिक्रमंद नहीं हैं जबकि हमें फिक्रमंद होना चाहिए।“

उन्होंने आगे कहा, “हमारे मुल्क में ऐसी सरकार आनी चाहिए जो अमन की सलामती के लिए, भाईचारे के लिए बेहतर हो और खास कर तमाम समुदाय को लेकर चलने की उसके अंदर ताकत हो। धर्म पर राजनीति करने वाली सियासी पार्टियां जो वजूद में आई हुई हैं हिंदुस्तान में उसका वजूद खत्म होना चाहिए, तो इसीलिए उन्होंने जो दुआएं बताई हैं उसको तमाम मुसलमानों को अमल करना चाहिए।“

मौलाना कारी दारूल उलूम के पैगाम पर मुहर लगा रहे हैं। 23 मई यानी नतीजों को लेकर दुआ मांगने के फरमान को जायज बता रहे हैं। चिट्ठी में लिखा है, “हर मस्जिद में नमाज तरावीह के बाद 23 मई तक रोज़ाना कम से कम 25 हज़ार बार आयत करीमा पढ़ कर अल्लाह से इलेक्शन के बेहतर नतीजों के लिए इज्तिमाई (संगठित) दुआ करें तो ये बहुत बेहतर होगा।“