पश्चिम बंगाल में ममता सरकार बीजेपी के सामने मजबूत गठबंधन खड़ा करने की सभी संभावनाएं अब समाप्त हो गई हैं। पश्चिम बंगाल में अब कांग्रेस अकेले ही चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस ने रविवार को आगामी लोकसभा चुनाव के लिए माकपा नीत वाम मोर्चा के साथ सीटों के बंटवारे पर जारी बातचीत को रद्द करते हुए अकेले दम पर चुनाव मैदान में उतरने का फैसला लिया।
गौरतलब है कि भाजपा के खिलाफ मोर्चाबंदी कर रही कांग्रेस पश्चिम बंगाल के अलावा भी कई राज्यों में गठबंधन करने में असफल रही है। माकपा के राज्य सचिव सूर्यकांत मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस की ओर से औपचारिक संदेश मिलने तक वह कोई टिप्पणी नहीं करेंगे।
वाम मोर्चा ने आगे की रणनीति तय करने के लिए सोमवार को बैठक बुलायी है।
रविवार शाम बंद कमरे में हुई पार्टी की बैठक के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सोमेन मित्रा ने कहा, ‘‘हमारी पार्टी इकाई ने तय किया है कि वह अपने सम्मान के साथ समझौता कर कोई तालमेल या गठबंधन नहीं चाहती है। वाम हमारे ऊपर हुकुम नहीं चला सकता है कि कौन उम्मीदवार होगा और कौन नहीं। हम बंगाल में अकेले लड़ेंगे।’’
रविवार को कांग्रेस के इस फैसले ने पश्चिम बंगाल में चुनावी मुकाबले को और दिलचस्प बना दिया है और तृणमूल कांग्रेस, भाजपा, वाम मोर्चा और कांग्रेस के बीच चतुष्कोणीय मुकाबला होगा ।