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गौतम गंभीर के खिलाफ 2 वोटर कार्ड रखने की आपराधिक शिकायत दर्ज

आप ने पूर्वी दिल्ली से बीजेपी उम्मीदवार गौतम गंभीर का नाम मतदाता सूची में दो बार दर्ज होने का गंभीर आरोप लगाया जिसके बाद उनके खिलाफ इस मामले में तीस हजारी अदालत में आपराधिक शिकायत दर्ज की गई है।

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नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) ने पूर्वी दिल्ली से बीजेपी उम्मीदवार गौतम गंभीर का नाम मतदाता सूची में दो बार दर्ज होने का गंभीर आरोप लगाया जिसके बाद उनके खिलाफ इस मामले में तीस हजारी अदालत में आपराधिक शिकायत दर्ज की गई है। पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र में पूर्व क्रिकेटर के मुकाबले में आम आदमी पार्टी की आतिशी मैदान में हैं। उन्होंने शुक्रवार को कहा, "मैं पूर्वी दिल्ली से भाजपा उम्मीदवार गौतम गंभीर के खिलाफ दिल्ली के दो अलग-अलग क्षेत्रों -करोल बाग और राजेंद्र नगर- से दो अलग-अलग वोटर कार्ड रखने का आपराधिक मामला दर्ज कराया है।"

यह शिकायत तीस हजारी अदालत में धारा 155(2) के तहत दर्ज कराई गई है, जिसमें मामले की पुलिस जांच की मांग की गई है। उन्होंने यहां मीडिया से कहा, "जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 17 के अनुसार, कोई भी व्यक्ति दो जगह से वोट नहीं दे सकता। धारा 31 के तहत कोई व्यक्ति अगर दो जगह से मतदाता सूची में नाम दर्ज कराता है तो उसे एक साल तक की सजा दी जा सकती है।"

आतिशी ने यह भी कहा कि गंभीर ने नामांकन के समय रिटर्निग ऑफिसर को सौंपे अपने हलफनामे में कहा है कि वह केवल विधानसभा क्षेत्र राजिंदर नगर -39, भाग संख्या 43, सीरियल नंबर 285, ईपीआईसी नंबर - एसएमएम1357243 में मतदान करने के लिए पंजीकृत हैं।

उन्होंने कहा, "हालांकि, यह पता चला है कि गंभीर को विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र करोल बाग -23, भाग संख्या 86, सीरियल नंबर 87, ईपीआईसी नंबर - आरजेएन1616218 में भी वोट देने के लिए पंजीकृत किया गया था।"

आप नेता ने कहा, "यह तथ्य जानबूझकर अपने नामांकन की फाइलिंग और छानबीन के दौरान छुपाए गए थे, ताकि रिटनिर्ंग ऑफिसर उनके नामांकन को अस्वीकृति न कर दे।"

उन्होंने कहा कि चुनावी हलफनामे में दी गई गलत जानकारी भी उक्त अधिनियम की धारा 125ए के तहत दंडनीय है, जिसमें छह महीने की जेल का समय है। हलफनामे में आप के उम्मीदवार द्वारा आपत्ति जताए जाने के कारण गंभीर के नामांकन को रोक दिया गया था।

उन्होंने कहा, "जनता के लिए दुर्भाग्य है कि एक ऐसे उम्मीदवार को उसके स्टारडम का फायदा उठाने के लिए उतार दिया गया, जिसे कानूनी प्रक्रियाओं की जानकारी नहीं है। लेकिन इसकी कीमत पार्टी और उम्मीदवार को चुकानी पड़ेगी, क्योंकि उसे जेल भी हो सकती है।"