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बिहार: आसान नहीं है महागठबंधन की राह, 2 सीटों पर RJD और कांग्रेस में फंसी बात!

महागठबंधन के घटक दलों के बीच दरभंगा और मधुबनी सीटों को लेकर पेच अभी फंसा हुआ है।

Rahul Gandhi and Tejashwi Yadav | Facebook- India TV Hindi Rahul Gandhi and Tejashwi Yadav | Facebook

पटना: बिहार में लोकसभा चुनाव को लेकर राष्ट्रीय राजतांत्रिक गठबंधन (NDA) में सीट बंटवारे के बाद अब जहां उम्मीदवारों को लेकर माथपच्ची चल रही है, वहीं विपक्षी दलों के महागठबंधन में सीटों को लेकर तनातनी जारी है। महागठबंधन के घटक दलों के बीच दरभंगा और मधुबनी सीटों को लेकर पेच अभी फंसा हुआ है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सूत्रों का कहना है कि आलाकमान की इच्छा है कि वह 21 सीटों पर चुनाव लड़े और कांग्रेस 8 सीट, उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी (RLSP) 5, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) 3 और बाकी बची 3 सीटों पर विकासशील इंसान पार्टी (VIP) और वामपंथी दल अपने-अपने उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे।

इस बीच, कांग्रेस ने 4 दिन पूर्व ही बिहार प्रदेश चुनाव समिति की बैठक में 11 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। कांग्रेस के एक नेता ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर कहा कि लालू प्रसाद की अनुपस्थिति में RJD के सर्वेसर्वा तेजस्वी यादव हैं। उनकी अति महत्वाकांक्षा के कारण स्थिति बिगड़ी है। एक ओर जहां वे सीट बंटवारे को लेकर ट्वीट कर नसीहत दे रहे हैं, वहीं अपनी सीटें कम करने को तैयार नहीं हैं, जबकि राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस की औकात 8 सीट पर तय की जा रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रेमचंद्र मिश्र कहते हैं कि कांग्रेस किसी भी दल के साथ सहयोग करने को तैयार है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस यह कभी नहीं चाहती कि उसके कारण गठबंधन टूटे। मिश्र ने हालांकि यह भी कहा कि कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी है और उसी आधार पर सीट बंटवारा भी होना चाहिए।

सूत्रों का कहना है कि राजद और कांग्रेस में दरभंगा और मधुबनी को लेकर पेंच फंसा हुआ है। RJD दरभंगा से जहां अली अशरफ फातमी को लड़ाना चाहता है, वहीं कांग्रेस मौजूदा सांसद कीर्ति आजाद को उतारना चाहती है। इसी तरह कांग्रेस मधुबनी में शकील अहमद को तो RJD अब्दुल बारी सिद्दीकी को लड़ाना चाहती है। दरभंगा से विकासशील इंसान पार्टी के मुकेश सहनी ने भी दावा ठोका है। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी भी 5 सीटें चाह रहे हैं। RJD उपाध्यक्ष शिवांनद तिवारी बिहार में अब कांग्रेस की हैसियत की बात करने लगे हैं। उन्होंने कहा कि आखिर कांग्रेस बिहार में 11 सीटों पर किस हैसियत से उम्मीदवार खड़ा करना चाहती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को 11 सीटों से कम पर मान जाना चाहिए।

सूत्रों का दावा है कि हाल ही के दिनों में गांधी मैदान में कांग्रेस की रैली की सफलता और प्रियंका गांधी के पार्टी में प्रवेश को लेकर RJD सशंकित है। RJD लालू प्रसाद की अनुपस्थिति में जहां कमजोर हुई है वहीं कांग्रेस में तारिक अनवर, कीर्ति आजाद, लवली आनंद के आने से पार्टी में उत्साह का संचार हुआ है। ऐसे में RJD बिहार में कांग्रेस की महत्वाकांक्षा को लेकर आशंकित है। मधेपुरा सांसद पप्पू यादव की भी कांग्रेस से नजदीकियां बढ़ी हैं। इस बीच, अब वामदलों के महागठबंधन का हिस्सा बनने की उम्मीद भी कम ही लगती है। CPI (माले) ने तो बिना किसी के इंतजार किए आरा सीट से अपने उम्मीदवार की घोषणा भी कर दी। 

CPI (माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य कहते हैं कि महागठबंधन की बड़ी पार्टियों को छोटी पार्टियों को कमतर आंकने की भूल नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बिना वामपंथी दलों के सहयोग के भारतीय जनता पार्टी (BJP) को रोक पाना असंभव है। उन्होंने 6 सीटों की मांग करते हुए कहा कि आरा, सीवान, जहानाबाद के अलावा पाटलिपुत्र, काराकाट और कटिहार क्षेत्र में उनकी तैयारी है। उन्होंने कहा कि किसी पार्टी के साथ धोखा नहीं हो, इसका ख्याल रखा जाना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि बिहार में कुल 40 लोकसभा सीटों पर 7 चरणों में चुनाव होंगे। बिहार में 11 अप्रैल, 18 अप्रैल, 23 अप्रैल, 29 अप्रैल, छह मई, 12 मई और 19 मई को मतदान होंगे। 23 मई को मतगणना होगी। बहरहाल, वामपंथी दलों के मूड और महागठबंधन में शामिल दलों के बीच सीटों को लेकर तनातनी के बीच कहा जा रहा है कि एक-दो दिनों के अंदर सीट बंटवारे को लेकर सहमति नहीं बनती है, तब महागठबंधन का आकार बदल भी सकता है।