मुंबई। भोपाल लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रही साध्वी प्रज्ञा को बड़ी राहत मिली है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के विशेष न्यायालय ने साध्वी प्रज्ञा को चुनाव लड़ने से रोकने की याचिका को निरस्त कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि चुनाव के दौरान किसी को चुनाव लड़ने से रोकने का अधिकार चुनाव आयोग का है न कि कोर्ट का।
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने वाली मांग की याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से जब इसपर अपना रुख सपष्ट करने को कहा तो NIA ने कहा कि यह मामला चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र का है।
चुनाव लड़ने के साध्वी प्रज्ञा के अधिकार पर दलील देते हुए उनके वकील ने कोर्ट में कहा कि वह यह बताने के लिए चुनाव लड़ रही हैं कि देश में हिंदू आतंकवाद जैसी कोई चीज नहीं है। उन्होंने कहा कि साध्वी देश और विचारधारा के लिए चुनाव लड़ रही हैं।
साध्वी के वकील ने उनको दी गई जमानत का बचाव करते हुए कहा कि उन्हें जमानत सिर्फ बीमारी के आधार पर नहीं मिली है बल्कि मैरिट के आधार पर मिली है। और वह बीमार होने के बावजूत चुनाव प्रचार कर रही हैं तो इसका मतलब ये नहीं कि वे पूरी तरह स्वस्थ हैं, उनकी सेहत पहले से ठीक है लेकिन एक डॉक्टर हमेशा उनके साथ रहता है। वकील ने कहा कि साध्वी के खिलाफ याचिका गलत इरादे से दायर की गई है।
साध्वी प्रज्ञा मालेगांव धमाकों में आरोपी हैं और धमाकों में मारे गए एक व्यक्ति के पिता सैयद बिलाल ने विशेष NIA न्यायालय में साध्वी के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने के लिए याचिका दायर की थी। लेकिन न्यायालय ने याचिका को अब निरस्त कर दिया है।