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बेगूसराय में कांटे का मुकाबला, बीजेपी को मोदी पर भरोसा, प्रकाश राज और जावेद अख्तर कर रहे कन्हैया का प्रचार

कुछ लोगों का मानना है कि कन्हैया का यह बढ़ता ग्राफ सत्तारूढ़ भाजपा से कहीं ज्यादा राजद के लिये खतरा बन रहा है।

Begusarai Loksabha Elections 2019- India TV Hindi Image Source : PTI Begusarai Loksabha Elections 2019

उजियारपुर/बेगूसराय: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कटु आलोचक एवं बिहार की बेगूसराय लोकसभा सीट से भाकपा उम्मीदवार कन्हैया कुमार के जोरदार प्रचार अभियान ने उन्हें बेगूसराय में चुनावी संघर्ष के केन्द्र में लाकर खड़ा कर दिया है, लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि कन्हैया का यह बढ़ता ग्राफ सत्तारूढ़ भाजपा से कहीं ज्यादा राजद के लिये खतरा बन रहा है।बेगुसराय में कन्हैया का प्रचार अभिनेता प्रकाश राज और गीतकार जावेद अख्तर कर रहे हैं।

बेगूसराय और क्षेत्र की अन्य लोकसभा सीटों में भाजपा समर्थकों का मानना है कि मतदाताओं के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आकर्षण बरकरार है जबकि विपक्षी गठबंधन को उम्मीद है कि वह अपने सामाजिक अंकगणित से कई स्थानों पर इसकी काट निकाल लेगा। बेगूसराय में 29 अप्रैल को मतदान होना है। 

उजियारपुर समेत इन सीटों पर एक ओर नरेन्द्र मोदी फेक्टर भाजपा के प्रचार अभियान को बल दे रहा है, वहीं लालू प्रसाद यादव के राजद, उपेन्द्र कुशवाहा की रालोसपा और कांग्रेस का गठबंधन अजेय सामाजिक समीकरण पर भरोसा है। उजियारपुर सीट इसलिये भी अहम है क्योंकि यहां रालोसपा अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा और बिहार भाजपा अध्यक्ष नित्यानंद राय आमने सामने हैं। भाजपा के लिये यहां भी कड़ी चुनौती है। उजियारपुर और बेगूसराय दोनों सीटों पर 2014 में भाजपा ने जीत हासिल की थी। 

बेगूसराय सीट पर भाकपा ने जहां जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार को उम्मीदवार बनाया है, तो भाजपा ने नवादा से अपने सांसद गिरिराज सिंह को मैदान में उतारा है। महागठबंधन की ओर से तनवीर हसन उम्मीदवार हैं। ज्यादातर भाजपा नेता और समर्थक मोदी पर भरोसा टिकाए हैं। खुद सिंह कह चुके हैं कि मोदी ही हर सीट पर उम्मीदवार है और चुनाव लड़ रहे भाजपा नेता उनके सिर्फ ‘‘सिंबल’’ हैं। अति पिछड़ा वर्ग से आने वाले संजय कुमार ने कहा, "गिरिराज सिंह जीतेंगे। हम मोदी को वोट देंगे। उन्होंने बहुत कुछ किया है। और ऑप्शन क्या है दिल्ली में।’’ 

बिहार में 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जदयू ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था लेकिन इस बार दोनों गठबंधन कर चुनाव लड़ रहे है। इससे भाजपा को बल मिला है। लेकिन अपने जोरदार चुनाव प्रचार से कन्हैया पारंपरिक सामाजिक समीकरणों पर जोरदार चोट कर रहे हैं। 

कन्हैया की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अभिनेता प्रकाश राज और गीतकार जावेद अखतर जैसी हस्तियां उनके समर्थन में प्रचार कर रही हैं। इससे यह छवि बनी है कि वह मृदुभाषी हसन की तुलना में भाजपा के लिए बेहतर चुनौती हैं। बछवाड़ा गांव जहां यादवों को राजद की रीढ़ माना जाता है, वहां भी लोग खुलकर कन्हैया के प्रति सहानुभूति दिखा रहे हैं। कई लोगों का कहना है कि वह उन्हें ही वोट देंगे जबकि कई लोगों ने कहा कि 'हम अपने नेता लालू को समर्थन देंगे क्योंकि उन्हें हमारी सख्त जरूरत है।' स्थानीय निवासी रामबान राय का मानना है कि "कन्हैया भाजपा को टक्कर दे सकता है।" वहां के एक और निवासी अरविंद कुमार ने कहा कि 'भाकपा नेता लोगों की आवाज है और संसद में जाने लायक है।' 

भाजपा विरोधी कई मतदाताओं ने कहा कि वह यह तय करने के लिये मतदान की तारीख तक इंतजार करेंगे कि कुमार को वोट देना है या हसन को। वहीं उजियारपुर में भाजपा के कुछ समर्थक पार्टी उम्मीदवार नित्यानंद राय की निर्वाचन क्षेत्र में "निराशाजनक उपस्थिति" और पानी की खराब उपलब्धता को लेकर नाराज हैं। गठबंधन के उम्मीदवार कुशवाहा की नजर अपने समुदाय के लोगों के वोट हासिल करने पर है, जिनकी इस सीट अच्छी खासी तादाद है। 

दलसिंह सराय में भाजपा के एक समर्थक विनोद चौधरी कहते हैं कि राय को यहां जीतने के लिये "एक मजबूत मोदी लहर" की आवश्यकता है। यह पूछने पर कि यहां ऐसी कोई लहर है? उन्होंने कहा, "यहां एक धारा है, लेकिन कौन जानता है कि यह कितनी मजबूत है।"