नयी दिल्ली: भाजपा से सम्बद्ध एक थिंकटैंक ने मंगलवार को दावा किया कि दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने 2015 विधानसभा चुनाव से पहले जो 70 वादे किये थे उनमें से 67 वादे पूरे नहीं किये हैं। थिंकटैंक ने यह भी आरोप लगाया कि पार्टी अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए पूर्ण राज्य का मुद्दा उठा रही है। थिंकटैंक की ओर से यह दावा ऐसे समय किया गया है जब दिल्ली की सात लोकसभा सीटों के लिए मतदान में 15 दिन से भी कम दिन बचे हैं। दिल्ली को पूर्ण राज्य का मुद्दा आप के लिए लोकसभा चुनाव में मुख्य मुद्दा है।
पब्लिक पॉलिसी रिसर्च सेंटर के निदेशक एवं भाजपा के उपाध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे ने आप के 2015 घोषणापत्र को ‘‘विश्वासघात का लेखा’’ करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल नीत पार्टी ने अन्य दलों का उपहास उड़ाते हुए खुद को परिवर्तन लाने वाली पार्टी के तौर पर पेश किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि आप ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लोकतांत्रिक सुधारों के उद्देश्य को बाधित किया।
सहस्त्रबुद्धे ने आप के 2015 घोषणापत्र के क्रियान्वयन पर एक समीक्षा रिपोर्ट जारी करते हुए दावा किया, ‘‘आप विधानसभा चुनाव से पहले किये गए 70 वादों में से 67 पूरे करने में असफल रही और लोगों को तीन अन्य वादों पर गुमराह किया जो उसके अधिकारक्षेत्र से बाहर के थे। इन वादों में एक रैंक एक पेंशन (ओआरओपी) का वादा शामिल था।’’
आप के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पूर्ण राज्य की मांग पर सहस्त्रबुद्धे ने कहा, ‘‘यह उनके द्वारा अपनी जिम्मेदारियां पूरी नहीं करने का एक बहाना है।’’ उन्होंने कहा कि यदि केजरीवाल इस मुद्दे पर गंभीर होते तो उन्हें विपक्ष को विश्वास में लेकर इस मुद्दे पर सर्वसम्मति बनानी चाहिए थी और प्रधानमंत्री जैसे देश के शीर्ष नेतृत्व से संपर्क करना चाहिए था। थिंक टैंक के एक अन्य निदेशक सुमीत भसीन ने आरोप लगाया कि केवल पांच प्रतिशत स्कूलों में काम शुरू हुआ है जबकि आप सरकार ने 500 स्कूल बनाने का दावा किया है।