क्या इशारा करता है चौथे दौर का वोटिंग पैटर्न, क्या देश में है मोदी लहर?
चौथे चरण में 62.5% फीसदी वोटिंग हुई, जिसमें सबसे ज्यादा 76 फीसदी की बंपर वोटिंग उसी बंगाल में हुई, जहां से प्रधानमंत्री मोदी ने ममता बनर्जी की विदाई की तारीख तय कर दी है।
नई दिल्ली: चौथे चरण की वोटिंग के बाद तमाम पार्टियों के स्टार प्रचारक पांचवे चरण के प्रचार में जुट गए हैं। चार चरणों की वोटिंग के बाद देश का करीब 70 फीसदी हिस्सा अपना जनादेश सुना चुका है। अब तक 373 सीटों पर उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो चुकी है। चौथे चरण में 62.5% फीसदी वोटिंग हुई, जिसमें सबसे ज्यादा 76 फीसदी की बंपर वोटिंग उसी बंगाल में हुई, जहां से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ममता बनर्जी की विदाई की तारीख तय कर दी है। सवाल ये है कि आखिर ये बंपर वोटिंग क्या इशारा कर रही है?
पश्चिम बंगाल में जिस वक्त आठ सीटों के लिए वोटिंग के दौरान गदर मचा था, ठीक उसी वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दीदी के गढ़ में चुप्प-चाप कमल छाप का नारा इजाद कर बंगाल की खाड़ी से केसरिया तूफान के आने का पूर्वानुमान जता रहे थे। हिंदुस्तान की हवा किस ओर बह रही है, इस सवाल में उमड़ती घुमड़ती अवाम को नरेंद्र मोदी ज़बरदस्त आत्मविश्वास और सौ फीसदी कॉन्फिडेंस के साथ ये समझा रहे थे कि उनके हिसाब से 23 मई का तिलिस्म चौथे चरण में ही टूट चुका है।
प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं 23 मई को एक बार फिर मोदी सरकार बनेगी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी बाज़ी पलटने का दावा कर रहे हैं तो वहीं ममता और मायावती भी उम्मीदों के आसरे दिल्ली की सत्ता का ख्वाब देख रही हैं लेकिन जो सवाल देश को बेचैन कर रहा है, वो ये कि किसकी भविष्यवाणियों में कितना दम है। चौथे दौर के बाद देश का माहौल किसके पक्ष में जाता दिख रहा है।
चार चरण की वोटिंग पूरी होने के बाद अब तक लोकसभा की 373 सीटों पर मतदान खत्म हो चुका है। दीदी के गढ़ पश्चिम बंगाल में तो बम, बंदूक और वोट का ज़बरदस्त कॉम्पिटिशन चल रहा है। जितनी हिंसा, उतने वोट। चार चरण में बंगाल की 42 में से 18 सीटों के लिए वोटिंग हो चुकी है। बंगाल के खूनी चुनाव की खबर दिल्ली में चुनाव आयोग तक पहुंच गई।
दीदी के सूबे में अभी 3 चरणों के लिए वोटिंग बाकी है और नोट करने वाली बात ये है कि बंगाल में जहां-जहां हिंसा हुई है उन सीटों पर वोटिंग परसेंटेज़ बढ़ा है। मुर्शिदाबाद सीट पर हिंसा हुई, यहां 84.06% वोटिंग दर्ज की गई। 2014 में यहां 85.22% वोट पड़े थे। मालदा दक्षिण सीट पर खून बहा, यहां 80.25% वोटिंग हुई। 2014 में यहां 81.09% वोटिंग हुई थी। अलीपुरद्वार में झड़प के बावजूद 81.58 % वोटिंग दर्ज की गई। 2014 में यहां 79% वोटिंग दर्ज की गई थी।
किसकी सरकार आएगी, कौन प्रधानमंत्री बनेगा ये तो 23 मई को पता चल ही जाएगा लेकिन चार चरणों की वोटिंग के बाद इतना जरूर है कि वोटर अब बहकाने, भटकाने या बहलाने से वोट नहीं करता। वोटर का मकसद एक है, जो देश को आगे बढ़ाए, उसी के नाम वोट जाए। जाहिर है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगर सौ फीसदी कॉन्फिडेंस के साथ 23 मई के अनुमान को मंच से ज़ाहिर करते हैं तो उसके पीछे वोटर्स का वही मूड है, जिसमें देश का स्वाभिमान और विकास की लकीर सबसे ऊपर है।