कर्नाटक चुनाव 2018: इन सीटों पर सीधी टक्कर, नतीजों पर रहेंगी सबकी निगाहें
जिन 222 सीटों पर मतदान होना है उनमें से कुछ सीटें ऐसी हैं जिनपर सबकी निगाहें रहेंगी...
बेंगलुरू: कर्नाटक विधानसभा चुनाव की वोटिंग अब से कुछ देर में शुरू होने जा रही है। सभी पार्टियों के चुनाव प्रचार थम चुका है और राज्य की तीनों प्रमुख पार्टियों अपनी अपनी जीत के दावा कर रही है। 224 विधानसभा सीटों वाले कर्नाटक में शनिवार को 222 सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे। 15 मई को चुनाव आयोग इन सभी 222 सीटों के लिए नतीजों की घोषणा करेगा। बंगलुरू जयनगर विधानसभा सीट और राज राजेश्वरी सीट पर चुनाव रद्द कर दिया है। दोनों सीटों पर बाद में मतदान होगा। जिन 222 सीटों पर मतदान होना है उनमें से कुछ सीटें ऐसी हैं जिनपर सबकी निगाहें रहेंगी...
मुख्यमंत्री सिद्दारमैया और एचडी कुमारस्वामी दो-दो सीटों से चुनावी मैदान में हैं। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया चामुंडेश्वरी और बादामी विधानसभा सीट से उम्मीदवार हैं तो वहीं पूर्व मुख्यमंत्री और इस बार के बीजेपी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बी एस येदियुरप्पा शिकारपुर से उम्मीदवार हैं। इन सीटों के अलावा कुछ प्रमुख सीटें ये रहेंगी...
गडग- कांग्रेस की सबसे सुरक्षित सीटों में से एक गडग पर 2008 में विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सेंध लगाई थी लेकिन कांग्रेस ने अगले चुनाव में उस हिसाब को चुकता कर दोबारा से यहां कब्जा जमाया था। गडग क्षेत्र में कुल 2,15,621 मतदाता हैं जिनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 1,07,788 और महिला मतदाताओं की संख्या 1,07,661 है। 2013 विधानसभा चुनावों में गडग निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस के मौजूदा विधायक एच.के. पाटिल ने 51.7 प्रतिशत वोटों के साथ 70,475 वोट हासिल किए थे। गडग निर्वाचन क्षेत्र कांग्रेस का एक मजबूत गढ़ रहा है। यहां हुए अब तक 13 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 11 बार जीत हासिल की है। जबकि दो बार 1978 व 2008 में उसे जेएनपी और भाजपा के हाथों हार का सामना करना पड़ा है। इस बार भी कांग्रेस ने मौजूदा विधायक एच.के. पाटिल को अपना उम्मीदवार बनाया है। वह वर्तमान कर्नाटक सरकार में ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री का पद संभाल रहे हैं। वहीं भाजपा ने 2008 का करिश्मा दोहराने के लिए 2013 के चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे बड़वारा श्रमिकर राइतर कांग्रेस के उम्मीदवार अनिल प्रकाशबाबू मेंसिंकाई को अपना उम्मीदवार बनाया है।
शिमोगा- शिमोगा विधानसभा सीट पर पूरे प्रदेश के लोगों के निगाहें लगी हुई है। कारण इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस के कद्दावर नेताओं के बीच सीधी जंग है। शिमोगा निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के के.एस. ईश्वरप्पा और कांग्रेस के.बी. प्रसन्ना कुमार मैदान में हैं। शिमोगा निर्वाचन क्षेत्र एक ग्रामीण तालुका है और शिमोगा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है। यह निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जाति समुदाय के उम्मीदवार के लिए आरक्षित है। इस सीट पर पुरुष मतादाताओं की संख्या 1,03,626 और महिला मतदाताओं की संख्या 1,03,409 है। विधानसभा चुनाव 2013 में शिमोगा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस के मौजूदा विधायक के.बी. प्रसन्ना कुमार ने 39,355 वोटों के साथ 50.18 फीसदी वोट हासिल किए थे जबकि कर्नाटक जनता पक्ष के एस. रुद्रगौड़ा ने 49.82 प्रतिशत वोटों के साथ 39,077 मत प्राप्त किए थे। एक बार फिर सत्तारूढ़ कांग्रेस ने मौजूदा विधायक के.बी. प्रसन्ना कुमार को ही अपना प्रत्याशी घोषित किया है। के.बी. प्रसन्ना कुमार उस वक्त सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने 2013 में राज्य के उपमुख्यमंत्री रहे के.एस. ईश्वरप्पा को हराया था, जिसके बाद उन्हें कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में शुमार किया जाना लगा। वहीं ईश्वरप्पा अपनी पुरानी हार का बदला लेने का इरादे से एक बार फिर के.बी. प्रसन्ना कुमार के सामने चुनावी मैदान में हैं। के.एस. ईश्वरप्पा साल 2012 से 2013 तक जगदीश शेट्टर की नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे चुके हैं। ईश्वरप्पा वर्तमान में कर्नाटक विधान परिषद में विपक्ष के नेता के भूमिका निभा रहे हैं।
श्रीनिवासपुर सीट- ये सीट पांच बार के विधायक और राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री यानी कांग्रेस के कद्दावर नेता के.आर. रमेश कुमार की पारंपरिक सीट मानी जाती है। इस सीट पर मंत्री को चुनौती दे रहे हैं जेडी-एस के जी.के. वेंकटेश्वा रेड्डी। वहीं भाजपा इस सीट पर अपना अस्तित्व तलाश रही है। इस जगह का जिक्र पौराणिक कथाओं में मिलता है। माना जाता है कि भगवान विष्णु ने यहां आकर कुछ समय बिताया था, जिसके बाद इस जगह का नाम श्रीनिवासपुर पड़ा। वर्ष 2013 में श्रीनिवासपुर निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस के मौजूदा विधायक के.आर. रमेश कुमार ने 51.19 प्रतिशत वोटों के साथ 83,426 वोट हासिल किए थे। जबकि जनता दल (सेक्युलर) के उम्मीदवार जी.के. वेंकटेश्वा रेड्डी ने 79,533 वोटों के साथ 48.81 प्रतिशत वोट वोट हासिल किए थे और दूसरे नंबर पर रहे थे।
बीजापुर (शहर)- इस सीट पर मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच है। ये सीट मुंबई-कर्नाटक लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। बीजापुर विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की कुल संख्या 2,41,682 है जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 1,21,753 और महिला मतादाताओं की संख्या 1,19,828 है। बीजापुर कर्नाटक का नौवां सबसे बड़ा शहर है और इसे ऐतिहासिक स्मारकों में वास्तुशिल्प महत्व के लिए जाना जाता है। इस सीट पर पिछले छह चुनाव में कांग्रेस और भाजपा दोनों ने ही तीन-तीन चुनाव जीते हैं। हालांकि भाजपा नेता अप्पासाहेब मालप्पा पट्टानाशेट्टी ने 2004 और 2008 चुनाव में लगातार जीत दर्ज की थी, लेकिन 2013 में कांग्रेस उम्मीदवार मकबूल एस. बागवान ने करीब नौ हजार वोटों के अंतर से इस सीट पर हासिल की थी। वर्तमान में कांग्रेस और भाजपा दोनों ही मुख्य पार्टियों ने इस सीट पर नए उम्मीदवारों को उतारा है। कांग्रेस ने अब्दुल हमीद मुशरिफ को और भाजपा ने बसनगौड़ आर. पाटिल को अपना उम्मीदवार घोषित किया है।
बेल्लारी (शहर)- इस सीट पर भाजपा के दिग्गज और दागी उम्मीदवार जी. सोमशेखर रेड्डी और कांग्रेस के वर्तमान दागी विधायक अनिल लाड मैदान में हैं। पिछली बार यहां से लाड जीते थे। वर्ष 2008 में परिसीमन के बाद बेल्लारी निर्वाचन क्षेत्र बना था। परिसीमन के बाद हुए चुनावों में यहां भाजपा विधायक जी. सोमशेखर रेड्डी ने जीत हासिल की थी, जबकि 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस नेता अनिल लाड ने रेड्डी को हराकर भाजपा को झटका दिया था।