कर्नाटक विधानसभा चुनाव: BJP से लेकर कांग्रेस तक, सबको सता रहा है यह डर
कांग्रेस व भारतीय जनता पार्टी जैसी मुख्यधारा की राजनीतिक पार्टियों को कर्नाटक विधानसभा चुनाव में एक खास डर सता रहा है...
बेंगलुरु: कांग्रेस व भारतीय जनता पार्टी (BJP) जैसी मुख्यधारा की राजनीतिक पार्टियों को कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कम मतदान होने का डर सता रहा है। कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 12 मई (दूसरे शनिवार) को होना है, जिस दिन सभी सरकारी कार्यालय व कुछ निजी क्षेत्र के कार्यालय भी बंद हैं। इसलिए राज्य के चुनावी समर में उतरी प्रमुख पार्टियों को इस बात का डर सता रहा है कि छुट्टी की वजह से कहीं लोग मतदान में कोताही न करें।
राज्य भाजपा के प्रवक्ता वमनचार्या ने कहा, ‘सप्ताहांत की तुलना में यदि मतदान किसी कार्यदिवस के दौरान रहता तो बेहतर होता। सप्ताहांत में होने से मतदाताओं की भागीदारी पर असर पड़ सकता है, खास तौर से शहरी निर्वाचन क्षेत्रों में, जहां लोग घूमने चले जाते हैं, क्योंकि इसके दूसरे दिन रविवार है।’ निर्वाचन आयोग ने 27 मार्च को दक्षिणी राज्य में गर्मी के मध्य में 224 विधानसभा क्षेत्रों के लिए मतदान की घोषणा की, जिस दौरान दिन का औसत तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा रहने की संभावना है। राज्य में पिछला विधानसभा चुनाव 5 मई, 2013 को आयोजित किया गया था। पिछली बार की तरह इस बार भी मतदान एक चरण में होना है और मतगणना 15 मई को निर्धारित है।
वमनचार्य ने कहा, ‘सप्ताह के एक दिन वोट करना लाखों कामकाजी लोगों के लिए सुविधाजनक है, इसमें प्रौद्योगिकी केंद्र के हजारों तकनीशियन भी शमिल हैं, क्योंकि उन्हें अपने लोकतांत्रिक अधिकार का उपयोग करने के लिए एक दिन की वैतनिक छुट्टी मिलती है।’ उदाहरण के तौर पर बेंगलुरू में काम रहे 2,50,000 IT पेशवरों में से ज्यादातर सप्ताहांत पर छुट्टियां मनाने रिसॉर्ट, पर्यटन केंद्र या वन्यजीव क्षेत्र या आसपास के नंदी हिल्स या दूसरे शहरों में चले जाते हैं। भारत के सिलिकॉन वैली के तौर पर बेंगलुरु में करीब 2,000 IT कंपनियां व 750 बहुराष्ट्रीय कंपनियां हैं।
महीने का दूसरा शनिवार होने के नाते राज्य के सरकारी कर्मचारियों व बैंक की छुट्टी होने के अलावा IT व बॉयोटेक कंपनियों की भी छुट्टी है, जिससे उन्हें बाहर जाने का मौका मिल जाता है और वे मतदान को प्राथमिकता नहीं देते हुए इससे बचते हैं। कांग्रेस की राज्य इकाई के उपाध्यक्ष बी.के.चंद्रशेखर ने से कहा, ‘शनिवार को मतदान चिंताजनक है, क्योंकि यह बूथों पर मतदाताओं की पहुंच पर असर डालेगा, क्योंकि बहुत से नागरिक खास तौर से युवा ठहरने व वोट डालने के बजाय घूमने चले जाते हैं।’ बीते विधानसभा चुनाव में राज्य में 71 फीसदी मतदान हुआ था।