कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2018: करीब 70 फीसदी रहा मतदान, 15 को आएंगे नतीजे
कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2018 के प्रचार के लिए भाजपा, कांग्रेस और जेडीएस ने प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी,एक तरफ भारतीय जनता पार्टी के लिए के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस के लिए उसके अध्यक्ष राहुल गांधी ने जबरदस्त प्रचार किया है।
Karnataka Assembly Election 2018: कर्नाटक की सभी 22 सीटों के लिए वोटर्स का मत ईवीएम में पैक हो गया है। कर्नाटक विधानसभा की 224 में से 222 सीटों के लिए सुबह 7 बजे से शुरू हो हुआ था जो कि शाम छह बजे तक चला। शाम पांच बजे तक करीब 64 फीसदी मतदान दर्ज किया गया है। हालांकि आखिरी एक घंटे में मतदाताओं के रुझान को देखते हुए 70 फीसदी से ज्यादा वोटिंग की उम्मीद जताई जा रही है। वोटिंग समाप्त होने के बाद सबकी नजर एग्जिट पोल पर लग गई है। चुनाव के नतीजे 15 मई को जारी किए जाएग। पिछले बार की बात करें तो 2013 विधानसभा में 70 प्रतिशत रहा था वहीं 2014 के लोकसभा में 68 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। इस बार वोटिंग के फाइनल आंकड़े अभी आने बाकी हैं।
कर्नाटक में मुख्य मुक़ाबला तो कांग्रेस और बीजेपी में माना जा रहा है लेकिन जेडीएस भी एक ताकत बन कर उभर सकती है। कर्नाटक में बीजेपी और कांग्रेस के अलावा जेडीएस भी मैदान में है। जेडीएस ये दावा कर रही है कि उसके बिना कर्नाटक में किसी भी दल की सरकार नहीं बन सकती। सबको अपनी-अपनी जीत का भरोसा है। गौरतलब है कि बेंगलुरु की जयनगर विधानसभा सीट से भाजपा (BJP) उम्मीदवार बीएन विजयकुमार के निधन के चलते इस सीट पर चुनाव टल गया है।
LIVE Updates:
-कुछ देर में चुनाव आयोग वोटिंग के फाइनल आंकड़े जारी करेगा। इस बार भी 70 प्रतिशत से ज्यादा मतदान होने की उम्मीद जताई जा रही है।
-हेब्बल विधानसभा सीट पर पोलिंग स्टेशन नंबर 2 पर दोबारे पोलिंग का आदेश जारी किय गया है। इस पोलिंग स्टेशन पर ईवीएम मशीन में खराबी के चलते वोटिंग रोक दी गई थी।
-शाम पांच बजे तक 64 फिसदी मतदान हुआ है। आखिरी एक घंटे की वोटिंग के बाद ये आंकड़ा 70 फिसदी के पार भी जा सकता है।
-अब से कुछ देर में वोटिंग थम जाएगी। राज्य के सभी पोलिंग बूथ पर शाम छह बजे तक वोटिंग होनी है। चुनाव आयोग ने साफ किया है कि किसी भी हाल में वोटिंग के समय को बढ़ाया नहीं जाएगा।
- तुमकुर के सिद्धागंगा मठ के 111 वर्षीय अति बुजुर्ग महास्वामीजी ने भी अपने मताधिकार का प्रयोग किया है। बुजुर्ग महंत मठ के अंदर बने मतदाता केन्द्र तक कार से पहुंचे और फिर वह अपना वोट डालने के लिए धीमे - धीमे चलकर गये। शक्तिशाली एवं राजनीतिक रूप से प्रभावशाली लिंगायतों के इस सबसे बुजुर्ग महंत ने भारत की स्वतंत्रता के बाद हमेशा अपने मताधिकार का प्रयोग किया है। समाज के प्रति उनकी सेवाओं के कारण उन्हें ‘ जीवंत ईश्वर ’ कहा जाता है। इसी प्रकार मैसूरू में सुत्तूर मठ के महंत शिवरात्रि देशिकेन्द्र स्वामीजी और धर्मस्थल के मंजुनाथ स्वामी मंदिर के धर्माधिकारी डा . वीरेन्द्र हेगड़े ने भी अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
कर्नाटक में चल रही वोटिंग में वोटर्स को मौसम की दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। प्रदेश में लोगों को जहां एक तरफ 43 डिग्री गर्मी का सामना करना पड़ रहा है तो वहीं राज्य में कहीं कहीं बरसात भी देखने को मिल रही है।
-दोपहर तीन बजे तक 56 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है।
-बढ़ती गर्मी का प्रभाव भी वोटिंग में देखने को मिल रहा है। इस कर्नाटक के कुलबर्गी में करीब 43 डिग्री तापमान है ऐसे में वोटर्स घर से निकलने से बच रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि सुबह पोलिंग बूथ के सामने फिर भी वोटर्स देखने को मिल रहे थे लेकिन तापमान बढ़ने के बाद वोटर्स की भीड़ गायब हो गई है।
- बेंगलुरु में बीजेपी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं में हुई झड़प, कई घायल
- दोपहर 1 बजे तक 37 फीसदी वोटिंग, लिंगायत मठ प्रमुख ने डाला वोट
- अब तक करीब 30 फीसदी मतदान का अनुमान
- बीजेपी सीएम उम्मीदवार येदियुरप्पा ने सरकार बनने का किया दावा, कहा- 17 मई को लूंगा सीएम पद की शपथ। खड़गे ने कहा सपना देख रही है बीजेपी
- कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मैसूर के वरुणा में वोट डाला। उन्होंने कहा, येदियुरप्पा का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है। कांग्रेस को 120 से ज्यादा सीटें मिलेंगी। मुझे पूरा भरोसा है।
- कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कलबुर्गी के बास्वानगर के बूथ नंबर 108 पर अपना वोट डाला
- श्री श्री रविशंकर ने कनकपुरा के पोलिंग बूथ में वोट डाला।
- पीएम मोदी ने आज कर्नाटक के वोटर्स से बड़ी संख्या में घर से बाहर निकलने और अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने का अनुरोध किया
- 11 बजे तक चौबीस फीसदी वोटिंग
- कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए मतदान जारी, सुबह 9 बजे तक 10 फीसदी से ज्यादा वोटिंग
- चुनाव आयोग के ब्रांड एम्बेसडर राहुल द्रविड़ और अनिल कुंबले ने भी वोट डाला
- वोटिंग शुरू होते ही बीजेपी के सीएम पद के उम्मीदवार बीएस येदियुरप्पा ने शिमोगा के शिकारीपुरा में वोट डाला
- कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए आज डाले जा रहे हैं वोट, 224 में से 222 सीटों पर मतदान जारी।
- मतदान शुरू होने से पहले बीजेपी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार येदियुरप्पा ने पूजा की।
- कर्नाटक विधानसभा की 224 में से 222 सीटों के लिए वोटिंग शुरू
- 222 सीटों पर वोटिंग के लिए सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम
- कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग आज, सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक डाले जाएंगे वोट
PM मोदी की युवाओं से खास अपील
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कर्नाटक के मतदाताओं से बड़ी संख्या में घर से बाहर निकलने और अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने का अनुरोध किया। मोदी ने ट्वीट किया है, ‘‘कर्नाटक के अपने भाई-बहनों से बड़ी संख्या में मताधिकार का इस्तेमाल करने का अनुरोध करता हूं। मैं खास तौर से युवा मतदाताओं से अपील करता हूं कि वह अपनी भागीदारी से लोकतंत्र के इस उत्सव को समृद्ध बनाएं।’
कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2018 के प्रचार के लिए भाजपा,कांग्रेस और JDS ने प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी। एक तरफ भारतीय जनता पार्टी के लिए के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस के लिए उसके अध्यक्ष राहुल गांधी ने जबरदस्त प्रचार किया है। 21 माह बाद सोनिया गांधी ने भी कांग्रेस के लिए किसी बड़ी चुनाव रैली को संबोधित किया है वहीं दूसरी तरफ भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भी राजनीतिक रणनीति का भरपूर प्रयोग करते हुए कर्नाटक चुनाव को बेहद रोचक बना दिया है। ( RAJAT SHARMA BLOG: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में नतीजा किसी के भी पक्ष में जा सकता है )
कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2018 (Karnataka Assembly Election 2018 )
कुल सीट : 224
12 मई को मतदान होगा : 222 सीटों पर
बहुमत के लिए जरूरी सीटें : 113
कब आएगा चुनाव परिणाम : 15 मई को
भाजपा और कांग्रेस के लिए कर्नाटक चुनाव महत्वपूर्ण, दल (एस) भी पीछे नहीं
कर्नाटक पंजाब को छोड़कर कांग्रेस (congress) के पास बचा एक मात्र बड़ा राज्य है। ऐसे में जहां एक तरफ कांग्रेस हर हाल में इस राज्य को बचाए रखने के लिए लड़ रही है तो वहीं बीजेपी ने भी इस राज्य से कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने के लिए पूरी जान लगा दी है। कांग्रेस और बीजेपी के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा की पार्टी जनता दल (एस) राज्य में तीसरी प्रमुख पार्टी है। आइए डालते हैं इस चुनाव से जुड़ी कुछ प्रमुख बातों पर नजर...
कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2013 में कुछ ऐसा था जनादेश
कर्नाटक विधानसभा के लिए कुल 224 सीटों के लिए मतदान होता है और बहुमत के लिए 113 सीटें जितना जरूरी माना जाता है। इस तरह से किसी भी दल को राज्य में सरकार बनाने के लिए 113 विधायकों की आवश्कता होती है। साल 2013 में कांग्रेस 122 सीटें जीतने में सफल रही थी। वहीं बीजेपी 43 और जेडीएस 37 सीटों पर ही जीत का परचम लहरा पाई थी।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2013
कुल सीटें : 223 कांग्रेस : 122 भाजपा : 43 जेडीएस : 27
कर्नाटक चुनाव 2018 : 56,696 मतदान केंद्र, 4.96 करोड़ मतदाता
चुनाव आयोग ने शनिवार को वोटिंग के लिए पूरी तैयारी कर ली है। राज्य के 223 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा के लिए राज्य में 56,696 मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं। राज्य के करीब 4,96,82,357 (4.96 करोड़) मतदाता अपने मतों का प्रयोग कर नई सरकार का चुनाव करेंगे। नई सरकार के लिए शनिवार को एक चरण में चुनाव होगा और वोटों की गिनती 15 मई को की जाएगी।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2018 : VIP सीट जिन पर रहेगी सबकी नजर
राज्य में करीब 15 सीटें ऐसी है जहां दिग्गज दांव आजमा रहे हैं। मुख्यमंत्री सिद्दारमैया और एचडी कुमारस्वामी दो-दो सीटों से चुनावी मैदान में हैं। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया चामुंडेश्वरी और बादामी विधानसभा सीट से उम्मीदवार हैं तो वहीं पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बी एस येदियुरप्पा शिकारपुर से उम्मीदवार हैं। इन सीटों के अलावा कुछ प्रमुख सीटें ये रहेंगी...
गडग- कांग्रेस की सबसे सुरक्षित सीटों में से एक
गडग पर 2008 में विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सेंध लगाई थी लेकिन कांग्रेस ने अगले चुनाव में उस हिसाब को चुकता कर दोबारा से यहां कब्जा जमाया था। गडग क्षेत्र में कुल 2,15,621 मतदाता हैं जिनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 1,07,788 और महिला मतदाताओं की संख्या 1,07,661 है। 2013 विधानसभा चुनावों में गडग निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस के मौजूदा विधायक एच.के. पाटिल ने 51.7 प्रतिशत वोटों के साथ 70,475 वोट हासिल किए थे। गडग निर्वाचन क्षेत्र कांग्रेस का एक मजबूत गढ़ रहा है। यहां हुए अब तक 13 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 11 बार जीत हासिल की है। जबकि दो बार 1978 व 2008 में उसे जेएनपी और भाजपा के हाथों हार का सामना करना पड़ा है। इस बार भी कांग्रेस ने मौजूदा विधायक एच.के. पाटिल को अपना उम्मीदवार बनाया है। वह वर्तमान कर्नाटक सरकार में ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री का पद संभाल रहे हैं। वहीं भाजपा ने 2008 का करिश्मा दोहराने के लिए 2013 के चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे बड़वारा श्रमिकर राइतर कांग्रेस के उम्मीदवार अनिल प्रकाशबाबू सिंकाई को अपना उम्मीदवार बनाया है।
शिमोगा : भाजपा और कांग्रेस में सीधी जंग
शिमोगा विधानसभा सीट पर पूरे प्रदेश के लोगों के निगाहें लगी हुई है। कारण इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस के कद्दावर नेताओं के बीच सीधी जंग है। शिमोगा निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के के.एस. ईश्वरप्पा और कांग्रेस के.बी. प्रसन्ना कुमार मैदान में हैं। शिमोगा निर्वाचन क्षेत्र एक ग्रामीण तालुका है और शिमोगा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है। यह निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जाति समुदाय के उम्मीदवार के लिए आरक्षित है। इस सीट पर पुरुष मतादाताओं की संख्या 1,03,626 और महिला मतदाताओं की संख्या 1,03,409 है। विधानसभा चुनाव 2013 में शिमोगा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस के मौजूदा विधायक के.बी. प्रसन्ना कुमार ने 39,355 वोटों के साथ 50.18 फीसदी वोट हासिल किए थे जबकि कर्नाटक जनता पक्ष के एस. रुद्रगौड़ा ने 49.82 प्रतिशत वोटों के साथ 39,077 मत प्राप्त किए थे। एक बार फिर सत्तारूढ़ कांग्रेस ने मौजूदा विधायक के.बी. प्रसन्ना कुमार को ही अपना प्रत्याशी घोषित किया है। के.बी. प्रसन्ना कुमार उस वक्त सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने 2013 में राज्य के उपमुख्यमंत्री रहे के.एस. ईश्वरप्पा को हराया था, जिसके बाद उन्हें कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में शुमार किया जाना लगा। वहीं ईश्वरप्पा अपनी पुरानी हार का बदला लेने का इरादे से एक बार फिर के.बी. प्रसन्ना कुमार के सामने चुनावी मैदान में हैं। के.एस. ईश्वरप्पा साल 2012 से 2013 तक जगदीश शेट्टर की नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे चुके हैं। ईश्वरप्पा वर्तमान में कर्नाटक विधान परिषद में विपक्ष के नेता के भूमिका निभा रहे हैं।
श्रीनिवासपुर सीट- कांग्रेस नेता के.आर. रमेश कुमार की पारंपरिक सीट
ये सीट पांच बार के विधायक और राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री यानी कांग्रेस के कद्दावर नेता के.आर. रमेश कुमार की पारंपरिक सीट मानी जाती है। इस सीट पर मंत्री को चुनौती दे रहे हैं जेडी-एस के जी.के. वेंकटेश्वा रेड्डी। वहीं भाजपा इस सीट पर अपना अस्तित्व तलाश रही है। इस जगह का जिक्र पौराणिक कथाओं में मिलता है। माना जाता है कि भगवान विष्णु ने यहां आकर कुछ समय बिताया था, जिसके बाद इस जगह का नाम श्रीनिवासपुर पड़ा। वर्ष 2013 में श्रीनिवासपुर निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस के मौजूदा विधायक के.आर. रमेश कुमार ने 51.19 प्रतिशत वोटों के साथ 83,426 वोट हासिल किए थे। जबकि जनता दल (सेक्युलर) के उम्मीदवार जी.के. वेंकटेश्वा रेड्डी ने 79,533 वोटों के साथ 48.81 प्रतिशत वोट वोट हासिल किए थे और दूसरे नंबर पर रहे थे।
बीजापुर (शहर): कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच कांटे की टक्कर
इस सीट पर मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच है। ये सीट मुंबई-कर्नाटक लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। बीजापुर विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की कुल संख्या 2,41,682 है जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 1,21,753 और महिला मतादाताओं की संख्या 1,19,828 है। बीजापुर कर्नाटक का नौवां सबसे बड़ा शहर है और इसे ऐतिहासिक स्मारकों में वास्तुशिल्प महत्व के लिए जाना जाता है। इस सीट पर पिछले छह चुनाव में कांग्रेस और भाजपा दोनों ने ही तीन-तीन चुनाव जीते हैं। हालांकि भाजपा नेता अप्पासाहेब मालप्पा पट्टानाशेट्टी ने 2004 और 2008 चुनाव में लगातार जीत दर्ज की थी, लेकिन 2013 में कांग्रेस उम्मीदवार मकबूल एस. बागवान ने करीब नौ हजार वोटों के अंतर से इस सीट पर हासिल की थी। वर्तमान में कांग्रेस और भाजपा दोनों ही मुख्य पार्टियों ने इस सीट पर नए उम्मीदवारों को उतारा है। कांग्रेस ने अब्दुल हमीद मुशरिफ को और भाजपा ने बसनगौड़ आर. पाटिल को अपना उम्मीदवार घोषित किया है।
बेल्लारी (शहर): बड़ा सवाल अबकी बार जनता किसके माथे पर लगाएगी तिलक?
इस सीट पर भाजपा के दिग्गज और दागी उम्मीदवार जी. सोमशेखर रेड्डी और कांग्रेस के वर्तमान दागी विधायक अनिल लाड मैदान में हैं। पिछली बार यहां से लाड जीते थे। वर्ष 2008 में परिसीमन के बाद बेल्लारी निर्वाचन क्षेत्र बना था। परिसीमन के बाद हुए चुनावों में यहां भाजपा विधायक जी. सोमशेखर रेड्डी ने जीत हासिल की थी, जबकि 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस नेता अनिल लाड ने रेड्डी को हराकर भाजपा को झटका दिया था।
करोड़पति और आपराधिक रिकॉर्ड वाले उम्मीदवारों की है इस बार भरमार
कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2018 इस बात के लिए भी जाना जाएगा कि इस बार आपराधिक रिकार्ड रखने वाले दागी उम्मीदवारों की संख्या भी अच्छी खासी है
विधानसभा चुनाव में कुल 2,654 उम्मीदवार आमने-सामने हैं, जिनमें से 883 उम्मीदवार करोड़पति हैं, जबकि 645 पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इस चुनाव में 883 (35 फीसदी) उम्मीदवार करोड़पति हैं, जिनकी औसत संपत्ति 7.54 करोड़ रुपये हैं। 645 उम्मीदवारों में से 254 पर गंभीर आपराधिक मामले और 391 पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। भाजपा के 223 में से 208 उम्मीदवारों की संपत्ति एक करोड़ रुपये से अधिक है, जो चुनाव लड़ रही सभी पार्टियों में सर्वाधिक है। राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस के 220 में से 207 उम्मीदवार, जनता दल-सेक्युलर (जेडी-एस) के 199 उम्मीदवार और 1,090 में से 199 निर्दलीय उम्मीदवारों की संपत्ति एक करोड़ रुपये से अधिक है।
भाजपा के 83 तो कांग्रेस के 59 उम्मीदवारों पर दागी मामले दर्ज
भाजपा के उम्मीदवारों पर ही अपराध के सर्वाधिक मामले दर्ज हैं। कुल 223 उम्मीदवारों में से 83 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें से 58 के खिलाफ हत्या सहित गंभीर मामले दर्ज हैं।सत्तारूढ़ कांग्रेस के 220 उम्मीदवारों का विश्लेषण किया गया, जिसमें से 59 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं जबकि 32 पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।जेडी-एस के 199 उम्मीदवारों में से 41 पर आपराधिक मामले हैं जबकि 29 पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। कुल 1,090 निर्दलीय उम्मीदवारों में से 108 पर आपराधिक मामले दर्ज हैं जबकि 70 पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2018 : दौलतमंद विधायकों की संख्या बढ़ी
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में दोबारा चुनाव लड़ रहे 184 विधायकों की संपत्ति में 2013 में हुए विधानसभा चुनाव से लेकर अबतक 64 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इन विधायकों द्वारा दाखिल शपथ पत्र से ये जानकारी मिली। इनमें से पांच सबसे अमीर विधायक सत्तारूढ़ कांग्रेस के हैं, जिनकी संपत्ति में 2013 विधानसभा चुनाव के बाद 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की वृद्धि हुई है। स्वतंत्र उम्मीदवार समेत विभिन्न पार्टियों से दोबारा चुनाव लड़ रहे इन 184 विधायकों की औसत संपत्ति 2013 में 26.92 करोड़ थी, जो कि अब 44.24 करोड़ रुपये हो गई है।इस तरह इन विधायकों की औसत संपत्ति में 17.31 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है। पांच विधायक जिनकी संपत्ति में 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का इजाफा हुआ है, वे डी.के. शिवकुमार, एन. नागराजु, शामानूर शिवशंकरप्पा, प्रियकृष्ण और देशपांडे रघुनाथ विश्वनाथ हैं। सभी विधायक कांग्रेस के हैं। कांग्रेस से दोबारा चुनाव लड़ रहे 108 प्रत्याशियों की संपत्ति में 2013 के मुकाबले 66 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, वहीं भाजपा के दोबारा चुनाव लड़ रहे 49 प्रत्याशियों की संपत्ति में 65 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। जनता दल (सेकुलर) के दोबारा चुनाव लड़ रहे 24 प्रत्याशियों की संपत्ति में 50 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
Karnataka Assembly Election 2018 Video :