विधानसभा चुनाव: झारखंड में सीटों के बंटवारे पर झुकने को तैयार नहीं बीजेपी, महाराष्ट्र है कारण?
महाराष्ट्र में चुनाव पूर्व शिवसेना के साथ गठबंधन के बाद झटका खाई भारतीय जनता पार्टी क्या झारखंड में चुनाव पूर्व गठबंधन में नुकसान देख रही है?
नई दिल्ली: महाराष्ट्र में चुनाव पूर्व शिवसेना के साथ गठबंधन के बाद झटका खाई भारतीय जनता पार्टी क्या झारखंड में चुनाव पूर्व गठबंधन में नुकसान देख रही है? आजसू के साथ सीटों के बंटवारे के मसले पर बीजेपी के बैकफुट पर न आने के बाद पार्टी से जुड़े सूत्र इस सवाल का जवाब हां में दे रहे हैं। राज्य की कुल 81 सीटों में बीजेपी अब तक 71 सीटों पर उम्मीदवार उतार चुकी है। सिर्फ 10 सीटें छोड़कर बीजेपी ने गेंद आजसू के पाले में डाल रखी है। अगर इन सीटों पर आजसू ने रुख साफ नहीं किया तो बीजेपी अपने दम पर सभी सीटों पर लड़ने की तैयारी में है।
‘बीजेपी अकेले लक्ष्य हासिल कर सकती है’
बीजेपी को लगता है कि चुनाव पूर्व गठबंधन से ज्यादा बेहतर है जरूरत के हिसाब से चुनाव बाद गठबंधन करना। बीजेपी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, ‘चुनाव बाद भी तो गठबंधन के विकल्प खुले रहते हैं। आजसू के साथ जब सीटों पर पटरी नहीं बन रही है तो बेहतर है कि पार्टी अपने दम पर लड़े। ज्यादा सीटों पर लड़ने से संभावनाएं और बेहतर होंगी। चुनाव पूर्व गठबंधन तब करना मजबूरी होती है, जब पार्टी की हालत खराब हो। 2014 में बीजेपी को सबसे ज्यादा 37 सीटें मिलीं थीं। बीजेपी ने स्थिर सरकार देकर जनता के दिल में जगह बनाई है। बीजेपी मजबूत है और अकेले लक्ष्य हासिल कर सकती है।’
आजसू ने बीजेपी से मांगी थीं 19 सीटें
गौरतलब है कि झारखंड में सहयोगी आजसू ने कुल 19 सीटें मांगीं थीं, जबकि पिछली बार बीजेपी ने उसे 8 सीटें दीं थीं, जिसमें से उसे 5 सीटों पर जीत मिली थी। सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी को लगा कि महाराष्ट्र की तरह अगर झारखंड में भी उसने गठबंधन में अधिक सीटों पर समझौता किया तो फिर मुश्किल हो सकती है। चुनावी नतीजों के बाद जब शिवसेना साथ छोड़ सकती है तो फिर झारखंड में सहयोगी दल आजसू भी आंख दिखा सकती है। इसी वजह से पार्टी ने पिछली बार से 2 ज्यादा यानी अधिकतम 10 सीट ही आजसू को ऑफर की है।
प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष के खिलाफ आजसू ने उतारा कैंडिडेट
मगर आजसू ने भी सीटों के बंटवारे पर झुकने का फैसला नहीं किया। नतीजा रहा कि आजसू ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा के खिलाफ भी चक्रधरपुर से अपना प्रत्याशी उतार दिया। बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राज्य के विधानसभा चुनाव प्रभारी ओम माथुर सीटों के बंटवारे और गठबंधन के भविष्य की गेंद फिलहाल आजसू के पाले में डाल चुके हैं। पत्रकारों से बातचीत में वह कह चुके हैं, ‘भाजपा ने कुछ सीटें छोड़ी हैं, अब हम आजसू के रुख का इंतजार कर रहे हैं।’