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“झारखंड में डबल इंजन की सरकार ने कर्जा दोगुना कर 85 हजार करोड़ किया”, पी चिदंबरम ने कहा

आईएनएक्स मीडिया घोटाले में 106 दिनों के बाद जमानत पर रिहा हुए पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि झारखंड की डबल इंजन सरकार ने अपने कुशासन से कर्जा दोगुना कर 85 हजार करोड़ रुपये तक पहुंचा दिया।

पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम- India TV Hindi Image Source : पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम (फाइल फोटो)

रांची: आईएनएक्स मीडिया घोटाले में 106 दिनों के बाद जमानत पर रिहा हुए पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि झारखंड की डबल इंजन सरकार ने अपने कुशासन से कर्जा दोगुना कर 85 हजार करोड़ रुपये तक पहुंचा दिया। चिदंबरम ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘झारखंड का कर्जा 2014-15 के 43000 करोड़ रुपये से दोगुना होकर 2018-19 में 85000 करोड़ रुपये हो गया। हर झारखंडी पर वर्ष 2014 की तुलना में आज दोगुना कर्ज है।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘प्रति व्यक्ति आय के मामले में झारखंड आज देश में सबसे फिसड्डी राज्यों में शामिल हो गया है क्योंकि यह राज्य देश में 28 वें स्थान से खिसक कर 30 वें स्थान पर पहुंच गया है।’’ उन्होंने दावा किया कि झारखंड में वास्तव में गरीबी बढ़ी है। हमारा दावा है कि पूरे देश में गरीबी कम हुई है लेकिन झारखंड में गरीबी बढ़ी है। चिदंबरम ने कहा, ‘‘यहां डबल इंजन की सरकार में दोनों इंजन विपरीत दिशा में चल रहे हैं। 44 प्रतिशत उद्योग धंधे रुके पड़े हैं।” 

उन्होंने बताया कि झारखंड चैंबर्स आफ कामर्स के अध्यक्ष ने अगस्त में बताया कि राज्य में पिछले कुछ वर्षों में दस हजार औद्योगिक इकाइयां बंद हुई हैं। चिदंबरम ने पूछा, ‘‘राज्य में ऐसी स्थितियों में युवाओं को बेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा है। पूरे देश में बेरोजगारी की बढ़ी दर के मामले में झारखंड चौथे स्थान पर है। राज्य में 15.1 प्रतिशत बेरोजगारी है जबकि पूरे देश में औसतन 7.9 प्रतिशत बेरोजगारी है।’’ 

चिदंबरम ने जमानत के लिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा लगायी गयी शर्तों के उल्लंघन के बारे में पूछे गये सवाल के जवाब में कहा, ‘‘उसे (भाजपा को) वह पढ़ना चाहिए जो मैंने कहा है। मैं यह समझता हूं कि कम से कम आप इतना तो मानेंगे कि हमारे पास इतनी अल्प बुद्धि तो है कि हम सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन नहीं करेंगे।’’ 

अपनी बात स्पष्ट करते हुए चिदंबरम ने कहा, ‘‘भाजपा को सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को पढ़ना चाहिए। भाजपा को हर समय ऐसे मामले में निरक्षरता नहीं दिखानी चाहिए।’’ उनसे पूछा गया था कि अपने घोटाले के मामले में वह सार्वजनिक तौर पर कुछ बोल नहीं सकते हैं क्योंकि यह उन्हें मिली जमानत की शर्तों में शामिल है और भाजपा ने आरोप लगाया है कि आप इस शर्त का उल्लंघन कर रहे हैं।