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झारखंड विधानसभा चुनाव: झरिया में देवरानी-जेठानी के बीच दिलचस्प मुकाबला

झारखंड में चल रहे विधानसभा चुनाव में कोयला नगरी झरिया में इस बार देवरानी और जेठानी के बीच दिलचस्प मुकाबला है।

Purnima Niraj Singh, Ragini Singh Jhariya, Purnima Singh Jhariya- India TV Hindi Purnima Niraj Singh and Ragini Singh | Facebook

रांची: झारखंड में चल रहे विधानसभा चुनाव में कोयला नगरी झरिया में इस बार देवरानी और जेठानी के बीच दिलचस्प मुकाबला है। यूं तो यहां मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच है, मगर सही मायने में मुकाबला एक ही परिवार की 2 सदस्यों के बीच है। धनबाद की झरिया विधानसभा सीट पर बाहुबली सूर्यदेव सिंह के 'सिंह मेंशन' का वर्चस्व रहा है। वर्तमान में बीजेपी के टिकट पर संजीव सिंह यहां के विधायक हैं। संजीव अपने चचेरे भाई नीरज सिंह की हत्या के आरोप में जेल में बंद हैं।

बीजेपी ने संजीव की पत्नी रागिनी सिंह को टिकट दिया है, जबकि कांग्रेस ने नीरज सिंह की पत्नी पूर्णिमा सिंह को मैदान में उतारा है। यानी, इस चुनावी समर में देवरानी और जेठानी आमने-सामने हैं या यह भी कहा जा सकता है कि ये दोनों घर का झगड़ा सार्वजनिक रूप से लड़ रही हैं। वर्ष 2014 के विधानसभा चुनावों में जहां बतौर बीजेपी प्रत्याशी संजीव सिंह ने चुनावी मैदान में कांग्रेस प्रत्याशी नीरज सिंह को 34 हजार से अधिक मतों से पराजित किया था। नीरज और संजीव दोनों कोयलांचल के बाहुबली परिवारों से रिश्ते में चचेरे भाई थे। बाद में नीरज सिंह की हत्या कर दी गई।

कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया एवं अन्य नेताओं के साथ पूर्णिमा नीरज सिंह। Facebook

दिवंगत नीरज सिंह की पत्नी और कांग्रेस उम्मीदवार पूर्णिमा सिंह ने कहा, ‘हम बुनियादी मुद्दों पर मतदाताओं से वोट की अपील कर रहे हैं। पिछले नौ दशकों से चली आ रही पानी और सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी को दूर करना हमारा लक्ष्य है।’ उन्होंने जनता से मतदान के दिन घरों से निकल कर वोट डालने की अपील की है। उन्होंने कहा, ‘जनता अपने घरों से बाहर निकले और सही प्रतिनिधि का चुनाव करे।’ देखा जाए तो इस सीट पर कुल 17 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही माना जा रहा है। स्थानीय लोगों के साथ बातचीत के बाद भी इन्हीं 2 पार्टियों में लोग बंटे नजर आ रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं अन्य नेताओं के साथ रागिनी सिंह। Facebook

झरिया के रहने वाले छात्र गौरव सिंह कहते हैं, ‘पुनर्वास की समस्या यहां मुख्य समस्या है, जिसका हल होना जरूरी है। जमीन के भीतर से कोयला निकल जाने के बाद क्षेत्र के खाली करने का आदेश तो दे दिया जाता है, मगर पुनर्वास की व्यवस्था नहीं की जाती।’ पिछले चुनाव में झरिया 2 भाइयों के संघर्ष का गवाह बना था, जबकि यह चुनाव देवरानी और जेठानी की लड़ाई का गवाह बनेगा। यही कारण है कि झरिया का मुकाबला काफी रोचक माना जा रहा है। दिवंगत सूर्यदेव सिंह के पुत्र संजीव सिंह इस बार चुनाव मैदान में नहीं हैं। बीजेपी की तरफ से उनकी पत्नी रागिनी सिंह चुनाव लड़ रही हैं, जबकि विरोध में कांग्रेस की तरफ से पूर्णिमा सिंह हैं, जो रिश्ते में बीजेपी प्रत्याशी की जेठानी हैं।

बीजेपी प्रत्याशी रागिनी सिंह ने कहा, ‘सिंह मेंशन के सदस्य 365 दिन जनसेवा में लगे रहते हैं। विधायक के जेल में रहने के बावजूद झरिया में एक नया डिग्री कॉलेज स्वीकृत कराया। जलापूर्ति के लिए योजना स्वीकृत कराई गई। कई पुलों का निर्माण कराया गया।’ धनबाद लोकसभा क्षेत्र के झरिया विधानसभा क्षेत्र में चौथे चरण के तहत 16 दिसंबर को मतदान होना है। मतगणना 23 दिसंबर को होगी।