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झारखंड चुनाव: पहले चरण में भाजपा का सीटें बचाना चुनौती, 'अपने' दे रहे कड़ी टक्कर

झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण की 13 विधानसभा सीटों पर 30 नवंबर को होने वाले मतदान को लेकर सभी दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। पार्टी के स्टार प्रचारकों का भी एक-दो दिन में इन क्षेत्रों में दौरा शुरू होगा।

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रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण की 13 विधानसभा सीटों पर 30 नवंबर को होने वाले मतदान को लेकर सभी दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। पार्टी के स्टार प्रचारकों का भी एक-दो दिन में इन क्षेत्रों में दौरा शुरू होगा। अब तक जो स्थितियां उभरी हैं उनके अनुसार इस चुनाव के प्रथम चरण की सभी सीटों पर रोचक मुकाबला होता दिख रहा है। कई सीटों पर आमने-सामने का मुकाबला है तो कई सीटों पर त्रिकोणीय संघर्ष देखने को मिल रहा है।

पहले चरण में पलामू, लातेहार, चतरा, लोहरद्रा और गुमला जिले की विधानसभा की 13 सीटों पर 190 उम्मीदवार चुनावी मैदान में किस्मत आजमा रहे हैं। इस चरण के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सामने जहां अपनी पुरानी सीटों को बचाने की चुनौती है वहीं सत्तधारी भाजपा को अपने बागी नेताओं से भी खतरा है। पुराने साथी ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन (आजसू) ने भी राजग से नाता तोड़कर चुनावी समर में भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

इस चरण की 13 विधानसभा सीटों में से तीन सीटों पर भाजपा को 'अपनों' से ही चुनौती मिल रही है जबकि सात सीटों पर भाजपा को कांग्रेस-राजद-झामूमो गठबंधन से सीधी टक्कर मिल रही है। बाकी की तीन सीटों पर आजसू मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की जद्दोहजहद कर रही है।

गढ़वा, डालटनगंज, विश्रामपुर, पांकी, मनिका, गुमला और बिशुनपुर में भाजपा और गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला है वहीं भवनाथपुर, लातेहार और चतरा में भाजपा से बगावत कर चुनावी मैदान में उतरे प्रत्याशी कड़ी चुनौती दे रहे हैं। लोहरदगा, छतरपुर और हुसैनाबाद सीट पर आजसू ने सियासी समीकरण को बिगाड़कर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है। छतरपुर से भी आजसू के प्रत्याशी राधाकृष्ण किशोर भाजपा से बगावत कर ही चुनाव मैदान में उतरे हैं।

उल्लेखनीय है कि पिछले चुनाव में इन 13 में से छह सीटों पर भाजपा का कब्जा था। इस चुनाव में कांग्रेस, राजद और झामुमो गठबंधन के तहत चुनावी मैदान में उतरे हैं।

लातेहार से भाजपा की ओर से टिकट के प्रबल दावेदार और पूर्व मंत्री बैद्यनाथ राम का टिकट काटकर हाल ही में झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) से भाजपा में आए निवर्तमान विधायक प्रकाश राम को टिकट दिया गया है। इसके बाद दो बार के विधायक रहे बैद्यनाथ झामुमो के टिकट पर चुनावी मैदान में उतर आए और प्रकाश राम को कड़ी टक्कर दे रहे हैं।

इसी तरह भाजपा ने भवनाथपुर से अनंत प्रताप देव का टिकट काटकर नौजवान संघर्ष मोर्चा से पार्टी में आए भानुप्रताप शाही को उम्मीदवार बनाया इससे नाराज होकर अनंत प्रताप निर्दलीय तौर पर चुनावी मैदान में हैं।

चतरा सीट पर भी भाजपा की राह 'बागी' ने कठिन कर दी है। भाजपा ने जयप्रकाश सिंह भोक्ता का टिकट काटकर राजद से आए जनार्दन पासवान को चुनावी मैदान में उतार दिया है। ऐसे में सत्यानंद राजद की टिकट पर चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे हैं।

हुसैनाबाद सीट पर मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है। भाजपा ने यह सीट गठबंधन होने की स्थिति में आजसू के लिए छोड़ी थी परंतु जब गठबंधन नहीं हो सका तो निर्दलीय प्रत्याशी विनोद सिंह को भाजपा ने समर्थन दिया है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को छोड़कर आए निवर्तमान विधायक शिवपूजन मेहता आजसू के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं जबकि बसपा ने शेर अली को उतार दिया है। इधर, गठबंधन की ओर से संजय सिंह यादव चुनावी रण में ताल ठोक रहे हैं।

विश्रामपुर सीट पर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चंद्रशेखर दुबे (ददई दुबे) के बीच सीधा मुकाबला है जबकि गढ़वा में भाजपा के सत्येंद्र नाथ तिवारी और झामुमो के मिथिलेश ठाकुर के बीच कांटे की टक्कर है। डालटनगंज के रण में आलोक चौरसिया और कांग्रेस के कृष्णानंद त्रिपाठी एकबार फिर आमने-सामने हैं। पिछले चुनाव में झाविमो की टिकट से चुनाव जीते चौरसिया इस चुनाव में भाजपा के टिकट पर सीट निकालने की फिराक में हैं जबकि कांग्रेस के त्रिपाठी उन्हें इस चुनाव में पछाड़ने के लिए लगातार प्रयास में जुटे हैं।

पांकी क्षेत्र में भी भाजपा के शशिभूषण मेहता और कांग्रेस के निवर्तमान विधायक देवेन्द्र कुमार सिंह के बीच कांटे का मुकाबला माना जा रहा है।

मनिका विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के रघुपाल सिंह और कांग्रेस के रामचंद्र सिंह के बीच कांटे की टक्कर है तो गुमला में भी भाजपा के मिशिर कुजूर और झामुमो के भूषण टिर्की एक-दूसरे के सामने चुनावी मैदान में हैं। विष्णुपुर में अशोक उरांव और झामुमो के चमरा लिंडा के बीच सीधा मुकाबला है जबकि लोहरदगा में कांग्रेस से भाजपा में आए सुखदेव भगत और कांग्रेस के अध्यक्ष रामेश्वर उरांव के बीच टक्कर है जबकि इस लड़ाई को आजसू की नीरू शांति भगत त्रिकोणीय बनाने में जुटी हैं। कई क्षेत्रों में झाविमो के प्रत्याशी भी लड़ाई में आने के लिए जमकर पसीना बहा रहे हैं।