चंडीगढ़ | पिछले साल राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में जिस कर्जमाफी के वादे पर कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई थी, उसी को फिर से पार्टी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में आजमाया है। कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में किसानों के लिए कर्जमाफी का दांव चला है। अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से रविवार सुबह 10 बजे यहां होटल ललित में जारी होने वाले घोषणा-पत्र पर सभी की निगाहें टिकी हैं। हरियाणा के भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष अरविंद यादव ने आईएएनएस को बताया कि केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पार्टी महासचिव तथा प्रदेश प्रभारी डॉ. अनिल जैन की मौजूदगी में घोषणा-पत्र जारी होगा।
भाजपा से जुड़े सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस ने जिस तरह से घोषणा-पत्र में किसानों, सरकारी कर्मचारियों और महिलाओं से जुड़ी घोषणाएं कर उन्हें रिझाने की कोशिश की है, उससे पार्टी पर भी इसका जवाब देने का दबाव है। हालांकि पार्टी धरातल पर उतर सकने वाले वादों को ही घोषणा-पत्र में जगह देना चाहती है।
भाजपा नेताओं का कहना है कि पहले की सरकारों में नौकरियों में पर्ची और खर्ची सिस्टम चलता था, मगर मनोहर लाल खट्टर सरकार ने नौकरियों में पारदर्शिता बरती। घोषणा-पत्र में सरकारी नौकरियों में पारदर्शिता, बिना भेदभाव के विकास, निवेदन पर ट्रांसफर व्यवस्था जैसे कुछ मुद्दे हो सकते हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर चुनावी रैलियों में इन वादों का जिक्र कर चुके हैं।
गौरतलब है कि कांग्रेस ने महिलाओं को लुभाने के लिए सरकारी और निजी नौकरियों में 33 प्रतिशत आरक्षण का दांव खेला है। कांग्रेस ने और भी कई वादे किए हैं, जिसमें मुफ्त बिजली, हर जिले में सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल और विश्वविद्यालय जैसे वादे शामिल हैं।