EXCLUSIVE: हरियाणा के रण में मोदी का नाम या खट्टर का काम? जानिए 75 सीट जीतने का क्या है 'मनोहर' फॉर्मूला?
जन आशीर्वाद यात्रा के जरिए मनोहर लाल खट्टर जनता से सीधे जुड़े, उनके सुख दुख को जाना और जरूरत पड़ी तो किसी को शॉल उड़ा कर भी सम्मान दिया।
नई दिल्ली: अथाह जनसमूह, फूलों की बरसात, अपने नेता की एक झलक पाने की बेताबी और कार्यकर्तांओं का उमड़ता ज्वार। ये हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की जन आशीर्वाद यात्रा है। 18 अगस्त से 8 सितंबर तक ये यात्रा हरियाणा की 90 विधानसभाओं से गुजरी। 3 हजार किलोमीटर की दूरी तय करते हुए मनोहर लाल खट्टर की इस यात्रा का अंत रविवार को रोहतक में विजय संकल्प रैली से हुआ जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे।
मनोहर लाल खट्टर की जींद जिले में जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान इंडिया टीवी दिनभर मुख्यमंत्री के साथ रहा। जो हरियाणा आयाराम गयाराम की राजनीति के लिए बदनाम था, जिस हरियाणा में तीन परिवारों और दो जातियों का बोलबाला था उसी हरियाणा की सत्ता के रथ पर बीजेपी के सीएम मनोहर लाल खट्टर सवार हैं। पांच साल बिताने के बाद अब खट्टर अगले पांच सालों के राज का लाइसेंस मांगने जनता के बीच हैं। जाटलैंड के नाम से मशहूर हरियाणा में बीजेपी खुद के लिए मुश्किल चुनौती रखी है। 90 विधानसभा सीटों में से 75 सीटों पर कमल का झंडा फहराने का लक्ष्य तय किया गया है। सीएम खट्टर मोदी के नाम और खुद के काम से इस लक्ष्य को पूरा करने का ख्वाब संजोये हुए हैं।
जिंद में मनोहर लाल खट्टर की जन आशीर्वाद यात्रा की शुरूआत जनता के शंखनाद से हुई। मुख्यमंत्री का ये हाईप्रोफाइल रथ जैसे ही आगे बढ़ा जनता ने घेर लिया। फूलों की बारिश होने लगी और लोग अपनी पगढ़ियां मुख्यमंत्री को सौंपने लगे। जितनी भीड़ जमीन पर थी, उतनी ही भीड़ सीएम के रथ के छत पर भी थी। कार्यकर्ता कैंपेन सॉन्ग पर नाच रहे थे। मनोहर लाल खट्टर का काफिला जब जिंद के हैबतपुर गांव में पहुंचा तो वहां एक बुजुर्ग नजर आए, खट्टर ने उन्हें शॉल भेंट कर दिया।
जो भी जन आर्शीवाद यात्रा की राह पर खड़ा था, उसने फूल बरसाए। जैसे ही काफिला आगे बढ़ा कुछ महिलाएं गाड़ी के बिल्कुल करीब आ गई और अपनी समस्याएं सुनाने लगीं। हैबतपुर गांव से जन आशीर्वाद यात्रा खोखरी गांव में पहुंची। सीएम ने अपने रथ से ही जनता को संबोधित करते हुए कहा, खोखरी वासियों इसी तरह आपका आशीर्वाद अगले पांच साल की जो नई पारी आएगी उसमें भी मिलेगा ना..पक्का ना। कुछ देर बाद जब भीड़ और बढ़ी तो हरियाणा के मुख्यमंत्री रथ के पायदान पर आए और लोगों का अभिवादन स्वीकार किया।
2014 में हरियाणा विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने 47 सीटें जीत कर सत्ता पाई थी जबकि कांग्रेस को 15, INLD को 19 सीटें मिली थीं। विधानसभा चुनावों के बाद बीजेपी को लगातार हरियाणा में सफलता मिलती रही है। उपचुनाव, मेयर के चुनाव और फिर लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने विपक्ष का सुपड़ा साफ कर दिया इसीलिए बीजेपी को लगता है कि विधानसभा चुनावों में भी विजय पताका लहराकर रहेगी।
जन आशीर्वाद यात्रा के जरिए मनोहर लाल खट्टर जनता से सीधे जुड़े, उनके सुख दुख को जाना और जरूरत पड़ी तो किसी को शॉल उड़ा कर भी सम्मान दिया। खट्टर की यात्रा जब एक गांव में पहुंचा तो रथ की छत पर आकर उन्होंने करप्शन का मुद्दा उठाया और पिछली सरकार के भ्रष्टाचार को गिनाया। खट्टर ने कहा, हरियाणा की प्यारी जनता ने सबसे पहले 2014 में हमें 5 साल के लिए सेवा का मौका दिया था हमने उस समय साफ सुथरी सरकार चलाई। पिछली सरकारों के कामकाज को इस बार हमने बदल दिया।
बीजेपी की कोशिश है कि इस बार शहरों के साथ साथ ग्रामीण इलाकों से भी ज्यादा से ज्यादा वोट हासिल किए जाएं इसलिए एक एक गांव, एक एक तहसील के लिए अलग रणनीति बनाई गई है। जनता से मिलते मिलते, सभाएं करते करते दिन का समय हो गया..मनोहर लाल खट्टर अपने इस हाईटेक रथ पर ही लंच करने लगे।
कुछ ही हफ्तों बाद हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं। कभी भी चुनावी तारीखों का ऐलान हो सकता है। बीजेपी के पास पांच साल के कामों को गिनाने की लंबी चौड़ी लिस्ट है। बीजेपी ने अपनी चुनावी तैयारियां भी शुरू कर दी हैं जबकि विपक्ष की तैयारियों का कहीं नामो निशान नहीं मिलता। कांग्रेस में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बगावती तेवरों के बाद कुमारी शैलजा को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। वहीं पिछली बार नंबर दो रही INLD में भी बंटवारा हो चुका है। चौटाला परिवार के दुष्यंत चौटाला जननायक जनता पार्टी बना चुके हैं और लोकसभा चुनाव में भी असफल दांव आजमा चुके हैं।
विपक्ष की हालत, 5 साल के काम और जनता के रूझान को देखकर बीजेपी हरियाणा में 75 सीटों को जीतने का दावा एक बार नहीं बल्कि बार बार कर रही है।