A
Hindi News लोकसभा चुनाव 2024 दिल्ली विधान सभा चुनाव 2020 दिल्ली में चुनाव आचार संहिता लागू, जानिए- चुनाव से पहले इसे क्यों लागू किया जाता है?

दिल्ली में चुनाव आचार संहिता लागू, जानिए- चुनाव से पहले इसे क्यों लागू किया जाता है?

चुनाव आयोग के दिल्ली विधानसभा चुनाव का ऐलान करने के साथ ही राज्य में चुनाव आचार संहिता लागू हो गई।

Election Code of Conduct imposed in Delhi - India TV Hindi Image Source : PTI India Gate (File Photo)

नई दिल्ली: चुनाव आयोग के दिल्ली विधानसभा चुनाव का ऐलान करने के साथ ही राज्य में चुनाव आचार संहिता लागू हो गई। चुनाव आयोग द्वारा चुनावो का ऐलान होने के साथ ही चुनाव आचार संहिता लागू हो जाती है। इससे पहले कि हम आपको यह बताएं कि चुनावों से पहले इसे लागू क्यों किया जाता है, आप यह जान लीजिए कि दिल्ली में चुनाव कब होने हैं। चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी कि आठ फरवरी को दिल्ली में वोटिंग होगी और 11 फरवरी को वोटों की गिनती की जाएगी। तारीकों के बाद चलिए अब जानते हैं कि-

चुनाव से पहले आचार संहिता क्यों लागू की जाती है?

स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव लोकतंत्र के आधार हैं। इसमें मतदाताओं के बीच अपनी नीतियों तथा कार्यक्रमों को रखने के लिए सभी उम्मीदवारों तथा सभी राजनीतिक दलों को समान अवसर और बराबरी का स्तर प्रदान किया जाता है। इस संदर्भ में आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) का उद्देश्य सभी राजनीतिक दलों के लिए बराबरी का समान स्तर उपलब्ध कराना प्रचार, अभियान को निष्पक्ष तथा स्वस्थ्य रखना, दलों के बीच झगड़ों तथा विवादों को टालना है। इसका उद्देश्य केन्द्र या राज्यों की सत्ताधारी पार्टी आम चुनाव में अनुचित लाभ लेने से सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग रोकना है। आदर्श आचार संहिता लोकतंत्र के लिए भारतीय निर्वाचन प्रणाली का प्रमुख योगदान है।

चुनाव आचार संहिता का इतिहास

एमसीसी राजनीतिक दलों तथा विशेषकर उम्मीदवारों के लिए आचरण और व्यवहार का मानक है। इसकी विचित्रता यह है कि यह दस्तावेज राजनीतिक दलों की सहमति से अस्तित्व में आया और विकसित हुआ। 1960 में केरल विधानसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता में यह बताया गया। कि क्या करें और क्या न करें। इस संहिता के तहत चुनाव सभाओं के संचालन जुलूसों, भाषणों, नारों, पोस्टर तथा पट्टियां आती हैं।

पहली बार 1962 में हुआ आचार संहिता का पालन 

1962 के लोकसभा आम चुनावों में आयोग ने इस संहिता को सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों में वितरित किया तथा राज्य सरकारों से अनुरोध किया गया कि वे राजनीतिक दलों द्वारा इस संहिता की स्वीकार्यता प्राप्त करें। 1962 के आम चुनाव के बाद प्राप्त रिपोर्ट यह दर्शाता है कि कमोबेश आचार संहिता का पालन किया गया। 1967 में लोकसभा तथा विधानसभा चुनावों में आचार संहिता का पालन हुआ।