नई दिल्ली: दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार चुनाव में अपने जिस विकास मॉडल के सहारे जनता से वोट मांग रही है उसी विकास मॉडल पर इंडिया टीवी ने दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से कई सवाल किए और खामियां भी गिनाईं। मनीष सिसोदिया ने भी कई जगहों पर खामियां स्वीकर की और अगले पांच साल में उन खामियों को दूर करने का भरोसा दिया। इंडिया टीवी के खास कार्यक्रम ‘चुनाव मंच’ में मनीष सिसोदिया ने दिल्ली सरकार के कामकाज की जानकारी दी और साथ में उन मुद्दों को भी बताया जहां कमियां रह गई हैं।
इंडिया टीवी के कार्यक्रम में मनीष सिसोदिया से पूछा गया था कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पासिंग परसेंटेज पहले के मुकाबले कम हुआ है। इस पर सिसोदिया ने कहा कि "बड़ी मुश्किल से सरकारी स्कूलों की गाड़ी पटरी पर आई है। अरविंद केजरीवाल सरकार इसे और सुधारेगी। लेकिन भाजपा की सरकार आ गई तो फिर से टेंट वाले स्कूल बना देंगे।" इसके अलावा उन्होंने मोहल्ला क्लीनिक को लेकर पूछे गए सवालों के भी जवाब दिए, जिसमें उन्होंने बताया कि 1000 मोहल्ला क्लीनिक बनाने का वादा सरकार क्यों पूरा नहीं कर पाई।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि "450 मोहल्ला क्लीनिक बन चुके हैं। 1000 का वादा था, एलजी साबह ने रोका था वर्ना अबतक 1000 हो जाते। हमें अगस्त 2018 में फुल पावर मिली। इसके बाद जमीन की दिक्कत सामने आई। अब अगले 1-1.5 साल में हजार मोहल्ला क्लीनिक कर देंगे।" सिसोदिया ने कहा कि "450 मोहल्ला क्लीनिक को चलाने में हम कामयाब रहे हैं। लेकिन, अन्य सरकारी डिस्पेंसरियों में डॉक्टर नहीं बैठते, दवाएं नहीं होते।
कार्यक्रम में मनीष सिसोदिया से जब दिल्ली में पीने के पानी को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धी तो गिनाई ही लेकिन साथ में यह भी कबूल किया कि पीने के पानी की क्वालिटी में कमी है। हालांकि, उन्होंने विश्वास दिलाया कि अगले पांच सालों में उसे सुधार दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि "पानी के क्षेत्र में एक काम तो दिल्ली में हुआ। पहले 58 प्रतिशत घरों में पानी की सप्लाई पहुंचती थी और आज 93 प्रतिशत घरों में पानी की सप्लाई पहुंचती है।"
मनीष सिसोदिया ने कहा कि "2015 तक द्वारका जैसी जगहों में पीने का पानी टेंकर से आता था, आज ऐसा नहीं है। उसमे क्वालिटी का मसला जरूर है। पुरानी पाइप लाइनों को बदलवाया जा रहा है। घर-घर तक साफ पानी पहुंचाने में पांच साल लगेंगे।"