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दिल्ली विधानसभा चुनावों में AAP और BJP के समीकरण बिगाड़ सकती है BSP

अनुसूचित जाति के वोटों पर नजर रखते हुए बहुजन समाज पार्टी ने दिल्ली की सभी 70 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं।

<p><span style="color: #333333; font-family: sans-serif,...- India TV Hindi Delhi Assembly Election: BSP may dent prospects of AAP, BJP | PTI File

नई दिल्ली: अनुसूचित जाति के वोटों पर नजर रखते हुए बहुजन समाज पार्टी ने दिल्ली की सभी 70 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं। दिल्ली में अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखने वालों की 25 लाख आबादी है और यहां इनके लिए 12 सीट आरक्षित हैं। दर्जन भर सीटों पर अनुसूचित जाति की अच्छी-खासी तादाद है, जिससे मायावती की अगुवाई वाली BSP अन्य दलों के समीकरण बिगाड़ सकती है। वहीं, बीएसपी इन चुनावों में 2008 से बेहतर प्रदर्शन करने की कोशिश करेगी जब उसने 2 सीटों पर जीत दर्ज की थी।

‘हमने प्रत्येक समुदाय को टिकट दिया है’
दिल्ली के BSP प्रमुख लक्ष्मण सिंह ने बताया, ‘अगर पार्टी को केवल अनुसूचित जाति के लोग वोट देते हैं तो हमें किसी और की आवश्यकता नहीं है, लेकिन हमारी पार्टी समावेशी और धर्मनिरपेक्ष है और इसलिए हमने अल्पसंख्यकों और ब्राह्मणों सहित प्रत्येक समुदाय को टिकट दिया है।’ बसपा ने बदरपुर विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक एन. डी. शर्मा को चुनावी मैदान में उतारा है। AAP ने शर्मा की जगह कांग्रेस के पूर्व विधायक राम सिंह नेताजी को टिकट दिया है। 

आम आदमी पार्टी को उम्मीद है कि उसे इन चुनावों में अनुसूचित जाति के लोग समर्थन देंगे। PTI File

2008 में BSP ने जीती थीं 2 सीटें
BSP अपने नेताओं को प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में प्रचार करने के लिए आगे कर रही है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि पार्टी प्रमुख मायावती दिल्ली में चुनाव प्रचार अभियान में शामिल होंगी या नहीं। AAP ने 2015 में दिल्ली में सभी 12 आरक्षित सीटें जीती थीं। बसपा ने 2008 में दो सीटें जीतीं थीं और वह 5 निर्वाचन क्षेत्रों में दूसरे स्थान पर रही थी। पार्टी 2013 में कोई सीट नहीं जीत सकी, लेकिन 5 सीटों पर दूसरे स्थान पर रही थी। दिल्ली में चुनाव की घोषणा से पहले ही अनुसूचित जाति के वोटों की ताकत से वाकिफ AAP 6000 ऐसे परिवारों तक पहुंच गई। 

AAP और बीजेपी की SC वोटरों पर नजर
AAP के एक अंदरूनी सूत्र ने कहा, ‘हमने मोहल्ला क्लीनिकों, मुफ्त बिजली और स्कूलों के माध्यम से इन इलाकों में लोगों के साथ एक नेटवर्क स्थापित किया है, जो उनके लिए फायदेमंद साबित हुआ है। इसलिए वे कहीं नहीं जा रहे हैं।’ BJP की नजर भी अनुसूचित जाति के मतदाताओं पर है और वह विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से उनके पास पहुंच रही है। पार्टी का दावा है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने इस समुदाय के लिए इतना कुछ किया है कि चुनावों में पार्टी को उम्मीद है कि अनुसूचित जाति का वोट पर्याप्त मिलेगा। 

केंद्र की योजनाओं के भरोसे वोटरों तक पहुंचने की जुगत में है बीजेपी। PTI File

कांग्रेस को भी है वोट मिलने की उम्मीद
कांग्रेस को भी अनुसूचित जाति के वोट मिलने की उम्मीद है। पार्टी प्रवक्ता जितेंद्र कोचर ने कहा, ‘अनुसूचित जाति के लोगों ने AAP को 5 सालों तक देखा है और अब वे जानते हैं कि कांग्रेस ही एकमात्र ऐसी पार्टी है, जो उनके बारे में सोचती है और वे पार्टी को वोट देंगे।’