छत्तीसगढ़ में 15 साल से सत्ता पर काबिज बीजेपी को कांग्रेस के हाथों भारी पराजय झेलनी पड़ी है। कांग्रेस की इस आंधी में राज्य की भारतीय जनता पार्टी के कई दरख्त जड़ से उखड़ गए हैं। सत्ता के खिलाफ लोगों का विरोध इस कदर हावी रहा कि रमन कैबिनेट के 13 सदस्यों में से 8 बड़े अंतर से पीछे चल रहे हैं। सिर्फ रमन सिंह, बृजमोहन अग्रवाल को छोड़ दें तो कोई भी मंत्री इस चौथी विधानसभा में शामिल नहीं हो सका। दुर्ग ग्रामीण जहां रमशीला साहू को टिकट नहीं दी गई, वहां से भी बीजेपी पीछे चल रही है।
बात करें कद्दावर नेताओं की तो इसमें सबसे पहला नाम अमर अग्रवाल का आता है। अमर अग्रवाल बिलासपुर से चुनकर आते हैं लेकिन इस बार उन्हें यहां से हार मिली है। अमर सिंह इस समय वाणिज्य उद्योग, आईटी, शहरी प्रशासन जैसे प्रमुख विभाग थे। इसके अलावा रायपुर पश्चिम से आने वाले राजेश मूणत को भी हार झेलनी पड़ी है। राजेश मूणत परिवहन और लोक निर्माण विभाग जैसे अहम विभाग थे।
इसके अलावा स्कूली शिक्षा और जनजाति एवं अनसूचित जाति विभाग मंत्री केदार कश्यप, उच्च शिक्षा मंत्र प्रेम प्रकाश पाण्डेय, राम सेवक पैकरा, दयाल दास बघेल, महेश गागड़ा, श्रम मंत्री भैया लाल रजवाड़े भी अपनी सीटों पर पीछे चल रहे हैं।