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चाउर वाले बाबा और कुशल राजनीतिज्ञ, जानिए डॉ.रमन सिंह की शख्‍सियत

देश के सबसे युवा राज्यों में से एक छत्तीसगढ़ में डॉ.रमन सिंह  को आम लोग चाउर (चावल) वाले बाबा के रूप में जानते हैं। देश के प्रमुख चावल उत्पादक राज्य की गरीब जनता को बहुत मामूली कीमत पर चावल देने के लिए उन्हें यह नाम मिला।

<p>Raman Singh</p>- India TV Hindi Raman Singh

देश के सबसे युवा राज्‍यों में से एक छत्‍तीसगढ़ में डॉ.रमन सिंह  को आम लोग चाउर (चावल) वाले बाबा के रूप में जानते हैं। देश के प्रमुख चावल उत्‍पादक राज्‍य की गरीब जनता को बहुत मामूली कीमत पर चावल देने के लिए उन्‍हें यह नाम मिला। नया राज्‍य बनने के बाद अजीत जोगी छत्‍तीसगढ़ के पहले मुख्‍यमंत्री बने थे। लेकिन राज्‍य के पहले निर्वाचित मुख्‍यमंत्री रमन सिंह ही हैं। 

2003 में नए बने राज्य छ्त्तीसगढ़ में हुए चुनावों में भाजपा को शानदार सफलता मिली और रमन सूबे के पहले निर्वाचित मुख्यमंत्री बने। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और 2008 एवं 2013 के विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज करके अपनी कुर्सी बचाने में कामयाब रहे। भारतीय जनता पार्टी के नेता रमन सिंह ने 7 दिसंबर 2003 से सूबे के मुख्यमंत्री का पद संभाला था, और तभी से वह लगातार इस पद पर बने हुए हैं। 

व्‍यक्तिगत और राजनीतिक जीवन 

राजनेता होने के साथ-साथ डॉ.रमन सिंह एक डॉक्टर भी हैं। अपने लंबे राजनीतिक करियर में रमन सिंह ने कई अहम जिम्मेदारियां निभाई हैं। रमन का जन्म 15 अक्टूबर 1952 को मध्य प्रदेश के कवर्धा में हुआ था। उन्होंने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत भारतीय जनसंघ से की थी और वह कवर्धा में इसके यूथ विंग के अध्यक्ष भी रहे थे। 1983 में 31 साल की उम्र में वह कवर्धा नगरपालिका में पार्षद भी चुने गए थे। रमन सिंह 1990 में पहली बार विधायक चुने गए और मध्य प्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे। इसके बाद वह 1993 में भी विधायक चुने गए। 1999 में लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद वह 1999 से 2003 तक अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री भी रहे।