पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के लिए प्रचार के आखिरी दिन महागठबंधन के मुख्यमंत्री उम्मीदवार और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने मतदान से महज एक दिन पहले सवर्णों को लेकर बड़ी बात कह दी जिससे विवाद उत्पन्न हो गया। हालांकि मंगलवार को अपने बयान को लेकर तेजस्वी ने सफाई दी है। तेजस्वी ने रोहतास में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा, "जब लालू प्रसाद का राज था, तो गरीब सीना तान के 'बाबू साहब' के सामने चलते थे। हमारी सरकार आएगी तो हम सब लोगों को साथ लेकर चलेंगे। जो अपराध करेगा उसे सजा मिलेगी, जो कर्मचारी काम करेंगे, उन्हें सम्मान मिलेगा।"
तेजस्वी के इस बयान के आने के बाद ही विरोधियों ने राजद को आड़े हाथों लेते हुए महागठबंधन पर निशाना साधा है। भाजपा के नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने इस बयान को बाबू साहब यानी राजपूतों का अपमान बताया। उन्होंने कहा कि यह वही राजद है जिसने रघुवंश बाबू को अपमानित करने का काम किया। उन्होंने कहा कि जब नरेंद्र मोदी की सरकार ने ऊंची जाति के निर्धन लोगों को 10 दस प्रतिशत आरक्षण दिया था तो अकेले राजद ने इसका विरोध किया।
इधर, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि तेजस्वी अब अपने पिता की भाषा बोलने लगे हैं। गिरिराज ने कहा कि बिहार चुनाव में तेजस्वी गरीबों में भय पैदा करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि उनके पिता ने कभी 'भूरे बाल साफ करो' जैसा बयान दिया था। अब वे 'बाबू साहब' कह रहे हैं। इधर, जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि राजद ने रघुवंश प्रसाद सिंह का भी अपमान किया था। तेजस्वी लालू की तरह समाज को बांट रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजद की सोच जगजाहिर है।
इस बयान को लेकर घिरे तेजस्वी यादव ने मंगलवार को इस पर सफाई दी। तेजस्वी ने कहा, "मैंने किसी जाति विशेष पर नहीं बल्कि निचले स्तर से लेकर सचिवालय तक भ्रष्टाचार में लिप्त बड़का बाबू, छोटका बाबू पर सवाल उठाया था।" तेजस्वी ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा, "विरोधी मुद्दे से भटकाना चाह रहे हैं। मैं जानता था कि वे ऐसा करेंगे। सुशासन बाबू, एसडीओ बाबू, बड़का बाबू, छोटका बाबू कौन है। यदि आप ब्लॉक या थाना पर जाएंगे तो बिना चढ़ावे के कोई काम नहीं होता।" उन्होंने कहा कि विरोधी हताशा के कारण इसे मुद्दा बना रहे हैं।