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बिहार : नारों के जरिए चुनावी मैदान फतह करने की तैयारी में जुटे दल

राजनीतिक दल इस चुनाव में कई ऐसे नए नारे भी गढ़े हैं, जिससे वे ना केवल मतदाताओं को आकर्षित कर सकें, बल्कि इन नारों के जरिए ही खुद को लोगों का सबसे बड़ा शुभचिंतक साबित कर सकें।

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पटना: आगामी विधानसभा चुनाव में चुनावी मैदान में उतरने के लिए करीब सभी राजनीतिक दल अपनी तैयारी को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। राजनीतिक दल इस चुनाव में कई ऐसे नए नारे भी गढ़े हैं, जिससे वे ना केवल मतदाताओं को आकर्षित कर सकें, बल्कि इन नारों के जरिए ही खुद को लोगों का सबसे बड़ा शुभचिंतक साबित कर सकें।

ऐसा नहीं कि कोई एक दल नारों के जरिए खुद को बेहतर साबित करने की तैयारी कर रहा है। सभी राजनीतिक दल ऐसा करने की तैयारी कर रहे हैं। कहा तो जा रहा है कि कई दलों ने तो इसके लिए बजाप्ता एक अलग से टीम बना रखी है, जो चुनाव के समय के बढ़ने के साथ समय-समय पर नए नारे संबंधित दलों को उपलब्ध कराएंगे।

पिछले कई चुनावों से नारे और कार्यक्रम चर्चा का विषय बनते रहे हैं। राजनीतिक दलों का भी मानना है कि अच्छे और आसान चुनावी नारे और कार्यक्रम लोगों की जुबान पर चढ़ जाते हैं, जिसका प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लाभ संबंधित पार्टियों को मिलता है।

सूत्रों कहना है कि कोरोना काल में होने वाले इस चुनाव में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के कारण बड़ी रैलियां नहीं होनी है, ऐसे में सभी राजनीतिक दल प्रचार के लिए नारों का सहारा लेने की तैयारी में हैं।

बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल (युनाइटेड) पिछले चुनाव 'बिहार में बहार है, नीतीषे कुमार है' जैसे चर्चित नारों की तरह फि र से नए नारों के साथ चुनावी मैदान में उतरने जा रही है।

जदयू ने इस बार नये नारे 'न्याय के साथ तरक्की, नीतीश की बात पक्की' के सााथ चुनावी मैदान में उतरने जा रही है। इसके अलावे जदयू 'नीतीश के काम, नीतीश में विश्वास बिहार में विकास और विकसित बिहार' के पंच लाइन के साथ ही यह सरकार के विकास कार्यक्रमों को भुनाने में जुटी है।

भाजपा अभी तक 'भाजपा है तैयार, आत्मनिर्भर बिहार' लेकर सामने आ चुकी है। भाजपा इसी नारों के साथ चुनावी रथ मैदान में उतारने जा रही है।

सोशल मीडिया प्रदेश प्रमुख मनन कृष्ण कहते हैं कि 12 सितंबर के बाद और कई नारे सामने आएंगे, जो पार्टी की नीतियों और विकास कायरें से जुडे होंगे। जैसे-जैसे चुनाव का दौर बढ़ता जाएगा, नए नारे भी सामने आएंगें। उन्होंने कहा कि नारे से लोग सीधे तौर पर जुड़ते हैं।

इधर, राजद भी इस चुनाव में नारा गढ़ने में पीछे नहीं है। सरकार के खिलाफ कई नारों को गढ़कर राजद निशाना साध रही है। राजद इस चुनाव में 'लौटेगा बिहार का सम्मान-जब थामेंगे तेजस्वी कमान', 'शिक्षा क्षेत्र का हाल-भ्रष्ट सरकार ने किया बेहाल', 'बंद पड़े उद्योग चलाएंगे, नया बिहार बनायेंगे' जैसे नारों के साथ चुनावी मैदान में उतर चुकी है।

कांग्रेस ने इस चुनाव में सरकार के बदलने के आह्वान के साथ 'बोले बिहार- बदलें सरकार' के चुनावी नारे के साथ मैदान फ तह करने में उतर चुकी है।अब देखना है कि नए नारों के जरिए कौन पार्टी मतदाताओं को पसंद आती है।