पटना. बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हैं। विधानसभा चुनाव से पहले सियासी गठबंधनों के भीतर ही संग्राम मचा हुआ है। एक तरफ जहां महागठबंधन के अंदर संग्राम मचा हुआ है, वहीं दूसरी तरफ एनडीए में भी हालात सही नजर नहीं आ रहे हैं। सोमवार को हुई एलजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक में बिहार एनडीए के प्रमुख दल जेडीयू और सबे के सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ सुर सुनाई दिए।
सूत्रों के मुताबिक, एलजेपी संसदीय बोर्ड में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ख़िलाफ़ सभी सदस्यों ने मोर्चा खोल दिया और नाराजगी जताई। एलजेपी सदस्यों ने कहा कि नीतीश के नेतृत्व में लोजपा को चुनाव नहीं लड़ना चाहिए। सदस्यों ने ये भी कहा की जेडीयू के नेता कहते हैं कि एलजेपी से गठबंधन नहीं है। ऐसे में एलजेपी को जेडीयू के ख़िलाफ प्रत्याशी देने चाहिए।
सूत्रों ने बताया कि एलजेपी सदस्यों ने ये भी कहा की मुख्यमंत्री के नाम से प्रदेश की जनता में उत्साह नहीं है। सदस्यों ने बैठक में आरोप लगाया की पूरी सरकार अधिकारी चला रहे हैं। बिहार एलजेपी के संसदीय सदस्यों ने कहा कोरोना काल में चुनाव करवाने की बात से मुख्यमंत्री से लोगों में नाराज़गी है। कालिदास बोल कर चिराग के अपमान के साथ साथ पीएम का अपमान जेडीयू ने किया।
मांझी के विषय पर चिराग ने हिदायत दी कि जीतन राम मांझी परिवार के हैं और उनपर पार्टी का कोई भी नेता कोई बयान नहीं देगा। चिराग ने कहा कि बिहार में जो कमियां हैं उनको सुधारने के लिए जब भी बोलना होगा लोजपा हमेशा बोलेगी। बिहार1st, बिहारी 1st प्राथमिकता है। उससे किसी भी क़ीमत पर लोजपा पीछे नहीं हटेगी।