ससुर चंद्रिका राय के पार्टी छोड़ने पर लालू के बेटे तेज प्रताप ने दिया बयान, कर दी ये भविष्यवाणी
तेज प्रताप के मुताबिक चंद्रिका राय के उनकी पार्टी में शामिल होने से जेडी (यू) को कुछ हासिल नहीं होगा।
बिहार चुनाव से ठीक पहले लालू यादव के समधी विधायक चंद्रिका राय ने आरजेडी को छोड़ कर सभी को चौंका दिया था। राय के साथ ही आरजेडी के दो और बागी विधायक जेडीयू में शामिल हो गए हैं। अब अपने ससुर के पार्टी छोड़ने के बाद लालू के बेटे और चंद्रिका राय के दामाद तेज प्रताप यादव का बयान है। तेज प्रताप के मुताबिक चंद्रिका राय के उनकी पार्टी में शामिल होने से जेडी (यू) को कुछ हासिल नहीं होगा।
चंद्रिका राय के साथ ही आरजेडी के 2 और विधायकों ने जेडीयू की सदस्यता ले ली है। ये दो विधायक फराज फातमी और जयवर्धन यादव हैं। वहीं पार्टी के अन्य विधायकों के पार्टी छोड़कर जेडीयू में शामिल होने पर तेज प्रताप ने कहा कि जेडी (यू) के कई विधायक हमारे संपर्क में हैं और हम आपको 4-5 दिनों में आरजेडी में शामिल होने की खबर देंगे।
बता दें कि चंद्रिका राय छपरा के परसा विधानसभा सीट से विधायक हैं। उनकी बेटी एश्वर्या का विवाह लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के साथ हुआ था। तेज प्रताप यादव और उनकी पत्नी ऐश्वर्या राय के बीच रिश्ते बेहद खराब है। इस बीच अब चंद्रिका राय ने भी आरजेडी छोड़ दी है।
चंद्रिका राय के अलावा आरजेडी के जिन दो विधायकों ने पार्टी को अलविदा कहा है, उसमें जयवर्धन यादव शामिल हैं। यादव पटना के पालीगंज विधानसभा सीट से विधायक हैं। उनके अलावा दरभंगा के केवटी से आरजेडी विधायक फराज फातमी भी जेडीयू में शामिल हो गए। दो दिन ही फराज फातमी को आरजेडी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया था। पूर्व सांसद और एक वक्त लालू के शरीबी रहे अशरफ अली फातमी के बेटे फराज फातमी के साथ प्रेमा चौधरी और महेश्वर यादव को भी आरजेडी ने बाहर का रास्ता दिखाया था। महेश्वर यादव और प्रेमा चौधरी अगले ही दिन जेडीयू ज्वॉइन कर लिया था।
जीतन मांझी ने तोड़ा महागठबंधन से नाता
बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के महागठबंधन को बड़ा झटका लगा है। महागठबंधन के सहयोगी पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी HAM ने महागठबंधन से नाता तोड़ लिया है। HAM की कोर कमेटी की बैठक में यह फैसला हुआ है और ऐसी संभावना है कि जीतन मांझी फिर से अपनी पुरानी पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) के साथ हाथ मिला सकते हैं। मांझी अगर JDU में वापसी करते हैं तो विधानसभा चुनाव से ठीक पहले JDU-BJP-LJP के गठबंधन को लाभ हो सकता है। HAM प्रवक्ता दानिश रिजवान ने बताया कि कोर ग्रुप की बैठक में फैसला हुआ कि किसी भी कीमत पर हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा महागठबंधन का हिस्सा नहीं रहेगी। लगातार महागठबंधन से हमारे नेताओं को तारीख पर तारीख दी जाती रही। ऐसे गठबंधन में जहां पार्टी के नेताओं को तवज्जों नहीं मिलता तो तय किया गया कि पार्टी महागठबंधन का हिस्सा नहीं रहेगी। महगठबंधन में कोऑर्डिनेशन कमिटी बनाने की मांग लंबे समय से किये जाने के बाद भी उस पर अमल नहीं किये जाने के विरोध में मांझी ने आज महागठबंधन छोड़ने के फैसला किया।