Bihar Vidhansabha Chunav 2020: हसनपुर सीट पर मुश्किल है लालू यादव के बेटे तेजप्रताप की राह
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि तेजप्रताप यादव ने महुआ सीट इस लिए छोड़ी है क्योंकि उन्हें अलग रह रही उनकी पत्नी एश्वर्य राय से वहां चुनौती मिलने की आशंका थी।
हसनपुर. लालू प्रसाद के बड़े पुत्र तेजप्रताप यादव अपनी वर्तमान सीट महुआ को छोड़ कर समस्तीपुर की हसनपुर विधानसभा सीट से चुनावी रण में उतरे हैं लेकिन यादव बहुल इस सीट पर जदयू से वर्तमान विधायक राजकुमार राय की चुनौती के कारण उनकी जीत आसान होने के आसार नहीं हैं। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि तेजप्रताप यादव ने महुआ सीट इस लिए छोड़ी है क्योंकि उन्हें अलग रह रही उनकी पत्नी एश्वर्य राय से वहां चुनौती मिलने की आशंका थी। महुआ सीट से परसा विधानसभा क्षेत्र लगा हुआ है जो एश्वर्य राय के पिता चंद्रिका राय का गढ़ माना जाता है।
परसा में खुद के लिए न्याय मांग रही हैं एश्वर्या
तेज प्रताप और एश्वर्य का विवाह 2018 में हुआ था लेकिन यह ज्यादा दिन नहीं चल पाया। अभी दोनों के विवाह के विवाद का मामला आदालत में है। एश्वर्य राय परसा विधानसभा क्षेत्र में अपने साथ लालू परिवार के कथित बुरे बर्ताव का मुद्दा उठा रही हैं और अपने लिये न्याय मांग रही हैं। तेज प्रताप के लिए हसनपुर आसान सीट नहीं है। इस सीट पर उनका मुकाबला नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के उम्मीदवार एवं वर्तमान विधायक राजकुमार राय से है जो 2010 से ही इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
यादव बाहुल्य है हसनपुर
यादव बहुल इस सीट पर पप्पू यादव की जनाधिकार पार्टी ने भी यादव जाति के उम्मीदवार अर्जुन यादव को मैदान में उतारा है। पिछले चुनाव में भी वे बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव में उतरे थे। इस सीट पर दूसरे चरण में तीन नवंबर को मतदान होगा। इस सीट पर कुल आठ उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। तेज प्रताप इस सीट पर जीत दर्ज करने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं। वह स्थानीय युवाओं के साथ क्रिकेट खेलने, खेतों में ट्रैक्टर चलाने, लोगों के साथ सत्तू और लिट्टी चोखा खाने और बांसुरी बजाने जैसे प्रचार के अनोखे तरीकों से लोगों को लुभाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं।
क्या कहते हैं जातीय समीकरण?
हसनपुर विधानसभा सीट पर करीब 65 हजार यादव मतदाता हैं जबकि मुस्लिम वोटरों की संख्या करीब 25 हजार है, सवर्ण मतदाताओं की संख्या लगभग 20 हजार है। यहां पासवान मतदाताओं की संख्या करीब 18 हजार, कुशवाहा मतदाताओं की संख्या 16 हजार और अति पिछड़े मतदाताओं की संख्या 13 हजार है। जदयू उम्मीदवार 2010 में राजद के एम-वाई समीकरण के मुकाबले अन्य जातियों की गोलबंदी के सहारे जीते थे। वर्ष 2015 में राज्य की बदली राजनीतिक तस्वीर के बाद एमवाई और अतिपिछड़ा समीकरण के चलते उन्हें फिर जीत मिली थी। इस बार तस्वीर एक बार फिर 2010 वाली है। ऐसे में जदयू एम-वाई के मुकाबले अन्य जातियों की गोलबंदी के फॉर्मूले को साधने के लिये पूरा जोर लगा रहा है।
तेजप्रताप बोले- हसनपुर में कोई काम नहीं हुआ है
तेज प्रताप यादव ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि लोगों का कहना है कि यहां कोई विकास नहीं हुआ है, रास्ते टूटे-फूटे है और शिक्षा एवं स्वास्थ्य की व्यवस्था नहीं है। उन्होंने कहा, "यहां विकास चाचा ने कोई काम नहीं किया है और मैं यहां विकास करने ही आया हूं।" राजद उम्मीदवार ने कहा कि राज्य में नीतीश कुमार की सरकार ने कोई काम नहीं किया है और यहां की जनता इस बार उन्हें सत्ता से हटा देगी। उन्होंने कहा कि उन्होंने महुआ विधानसभा में बहुत विकास किया है और अब हसनपुर का विकास करने आए हैं।
जदयू उम्मीदवार बोले- तेजप्रताप को हसनपुर के मुद्दों की समझ नहीं
वहीं, जदयू उम्मीदवार और वर्तमान विधायक राजकुमार राय ने कहा कि तेज प्रताप को हसनपुर के मुद्दों की समझ नहीं है और उनके साथ के लोगों को इस विधानसभा का रास्ता तक पता नहीं है। उन्होंने कहा कि जिन्हें क्षेत्र के बारे में जानकारी नहीं हो, वे विकास क्या करेंगे। कुछ ही दिन पहले यहां चुनाव प्रचार करने आए महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार एवं राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा था, "एकजुट रहियेगा और बंटियेगा नहीं।" तेजस्वी ने कहा था, "एकजुट होकर वोट करियेगा और दातून के चक्कर में पूरा पेड़ हीं नहीं उखाड़ दीजियेगा।"