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बिहार चुनाव में फडणवीस के सामने खुद को बेहतर इलेक्शन मैनेजर साबित करने की चुनौती

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर वर्ष 2014 से 2019 के बीच पांच साल का कार्यकाल पूरा कर बतौर प्रशासक खुद को साबित कर चुके देवेंद्र फडणवीस के सामने अब खुद को बेहतर इलेक्शन मैनेजर के रूप में पेश करने की चुनौती है।

Devendra Fadnavis- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO Devendra Fadnavis

नई दिल्ली: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर वर्ष 2014 से 2019 के बीच पांच साल का कार्यकाल पूरा कर बतौर प्रशासक खुद को साबित कर चुके देवेंद्र फडणवीस के सामने अब खुद को बेहतर इलेक्शन मैनेजर के रूप में पेश करने की चुनौती है। बिहार विधानसभा चुनाव में अगर भाजपा शानदार नतीजे हासिल करती है तो फिर बतौर चुनाव प्रभारी इसका क्रेडिट देवेंद्र फडणवीस को भी मिलेगा। इसी के साथ भाजपा में फडणवीस का कद और बढ़ेगा। बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी की बागडोर यूं तो अगस्त से ही देवेंद्र फडणवीस ने संभाल ली थी, लेकिन उन्हें आधिकारिक तौर पर चुनाव प्रभारी बीते 30 सितंबर को नियुक्त किया गया।

महाराष्ट्र से बाहर पहली बार किसी बड़े प्रदेश में विधानसभा चुनाव संचालन की जिम्मेदारी देवेंद्र फडणवीस के कंधे पर है। ऐसे में फडणवीस के सामने खुद को बेहतर इलेक्शन मैनेजर के तौर पर साबित करने की चुनौती है। बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव के साथ चुनाव प्रभारी देवेंद्र फडणवीस का महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के समय से अच्छा तालमेल रहा है। जिससे पार्टी को उम्मीद है कि भूपेंद्र और फडणवीस की जोड़ी चुनाव में अच्छे नतीजे देगी।

भाजपा के एक प्रमुख नेता ने कहा, "देवेंद्र फडणवीस ने बिहार चुनाव प्रभारी की चुनौती को बहुत गंभीरता से लिया है। वह बिहार से लेकर दिल्ली के बीच लगातार बैठकों में शामिल हो रहे हैं। बिहार के प्रमुख हिस्सों का दौरा कर सामाजिक और राजनीति समीकरणों को समझने में जुटे हैं। देवेंद्र ऊजार्वान हैं। पार्टी में उनकी छवि बेहतर मानी जाती है। जिस तरह से पांच साल सफलतापूर्वक उन्होंने महाराष्ट्र में भाजपा की सरकार चलाई, उससे वह पार्टी के एक बड़े चेहरे बन चुके हैं। चुनावी बिसात बिछाने में माहिर हैं। ऐसे में भाजपा के लिए वह बिहार में सहायक होंगे।"