पटना। बिहार में तीन चरणों में हुए चुनाव के लिए मंगलवार को सुबह 8 बजे मतों की गणना शुरू हो गई है। एग्जिट पोल में आरजेडी गठबंधन को जीतता हुआ बताया गया है अगर ऐसा होता है तो राज्य में एक नई राजनीति का दौर शुरू होगा। बिहार में 243 विधान सभा सीटों के लिए 3700 उम्मीदवार मैदान में थे और आज इनकी किस्मत का फैसला होगा।
38 जिलों में बनाए गए 55 मतगणना केंद्रों पर सुबह 8 बजे मतों की गणना बैलेट पेपर की गिनती के साथ शुरू हुई। यहां सुरक्षा के काफी कड़े इंतजाम किए गए हैं। कोविड-19 महामारी के कारण इस बार राज्य में मतगणना केंद्रों की संख्या बढ़ाई गई है। बिहार में 7.30 करोड़ मतदाता थे, जिसमें से 57 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। महामारी के बीच देश में यह किसी राज्य में होने वाला पहला और बड़ा चुनाव है।
चुनाव आयोग के अधिकारियों ने बताया कि ट्रेंड्स और परिणाम सामने आने में इस बार थोड़ा ज्यादा समय लग सकता है क्योंकि मतगणना के लिए केंद्रों की संख्या अधिक है। 2015 में राज्य में 72,723 मतदान केंद्र थे, जबकि इस बार राज्य में इनकी संख्या बढ़ाकर 1,06,515 थी। महामारी के कारण सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ाई गई थी। चुनाव मैदान में कुल 3,733 उम्मीदवार मैदान में थे, जिसमें 371 महिलाएं और ट्रांसजेंडर शामिल हैं।
बिहार के मुख्य चुनाव अधिकारी एचआर श्रीनवासा के मुताबिक स्ट्रांग रूम के बाहर केंद्रीय सशस्त पुलिस बलों को तैनात किया गया है। नितीश कुमार राज्य की लेजिसलेटिव काउंसिल के सदस्य हैं और वह विधान सभा चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। तेजस्वी यादव के बड़े भाई तेज प्रताप यादव समस्तीपुर जिले की हसनपुर सीट से चुनाव मैदान में हैं।
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मंगलवार को होने वाली मतगणना एक दर्जन से अधिक मंत्रियों की किस्मत भी तय करेगी। इनमें शामिल हैं नंद किशोर यादव (पटना साहिब), प्रमोद कुमार (मोतिहारी), राणा रणधीर (मधुबन), सुरेश शर्मा (मुजफ्फरपुर), श्रवण कुमार (नालंदा), जय कुमार सिंह (दिनारा) और कृष्णानंद प्रसाद वर्मा (जेहनाबाद)।