पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे के मामले को सुलझाने में लगे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के घटक दलों जनता दल युनाइटेड और लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला अभी भी नहीं थम रहा है। लोक जनशक्ति पार्टी ने शुक्रवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वकांक्षी योजना 'सात निश्चय' पर निशाना साधते हुए कहा कि यह योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। LJP ने अपने अधिकारिक बयान में कहा है कि वह नीतीश कुमार की 'सात निश्चय' योजना को नहीं मानती।
‘सात निश्चय के सारे काम अधूरे हैं’
LJP के प्रवक्ता अशरफ अंसारी द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि, 'सात निश्चय के सारे काम अधूरे हैं। जिन लोगों ने भी इस योजना के काम किए उनके पैसों का भुगतान तक नहीं हुआ है।' पार्टी द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि इस योजना की हकीकत बिहार के गांवो में देखी जा सकती है। अपने बयान में लोक जनशक्ति पार्टी ने सात निश्चय को भ्रष्टाचार का पिटारा तक बता दिया। बयान में कहा गया है कि LJP अगली सरकार में 'बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट' विजन डॉक्यूमेंट को लागू करेगी।
JDU का बयान नहीं आया है सामने
LJP के इस बयान के बाद जनता दल (युनाइटेड) का अब तक कोई बयान नहीं सामने आया है, लेकिन यह तय है कि भले ही सभी दलों में बैठकों का दौर जारी हो, लेकिन अब तक NDA में सब कुछ ठीक नहीं हुआ है। इधर, लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने शनिवार को दिल्ली में पार्टी की संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई है। पार्टी की इस बैठक में यह तय होगा कि बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी बीजेपी की अगुवाई वाली NDA के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी या फिर अकेले।
शनिवार शाम 5 बजे LJP की अहम बैठक
लोक जनशक्ति पार्टी के प्रवक्ता अंसारी ने कहा कि, 'बैठक शाम 5 बजे होगी, जिसमें सीट बंटवारे के फॉर्मूले पर चर्चा होगी और यह भी तय होगा कि पार्टी को अपने दम पर लड़ना चाहिए या गठबंधन में चुनाव लड़ना चाहिए।' माना जा रहा है कि इस बैठक में लोक जनशक्ति पार्टी कुछ कड़े फैसले ले सकती है।