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Hindi News लोकसभा चुनाव 2024 बिहार विधान सभा चुनाव 2020 Bihar Elections: अगर लोकसभा चुनाव जैसी स्थिति रही तो BJP-JDU को कितनी सीट? ओवैसी का खुल सकता है खाता

Bihar Elections: अगर लोकसभा चुनाव जैसी स्थिति रही तो BJP-JDU को कितनी सीट? ओवैसी का खुल सकता है खाता

अगर बिहार विधानसभा चुनाव में लोकसभा चुनाव जैसा ही हाल रहता है और उसी तरह का वोटिंग पैट्रन देखने को मिलता है तो राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के नेतृत्व वाले महागठबंधन को सत्ता में वापसी के लिए फिर 5 साल का इंतजार करना पड़ सकता है।

<p>BJP, JDU, LJP, RJD, Congress, HAM, Owaisi seats estimate...- India TV Hindi Image Source : FILE BJP, JDU, LJP, RJD, Congress, HAM, Owaisi seats estimate if voting pattern found similar to lok sabha elections

पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव का बिगुल कभी भी बज सकता है, चुनाव आयोग इस महीने कभी भी बिहार के लिए चुनाव कार्यक्रम का ऐलान कर सकता है। बिहार का विधानसभा चुनाव कई मायनों में महत्वपूर्ण समझा जाता है, इसके परिणाम सिर्फ राज्य की राजनीति तक ही सीमित नहीं रहते बल्कि राष्ट्रीय राजनीति पर भी इनका बड़ा असर होता है। सभी की नजर है कि इस बार बिहार विधानसभा में कौन सा गठबंधन बाजी मारेगा? लोकसभा चुनाव में तो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने महागठबंधन को बुरी तरह से हराया था, ऐसे में देखना होगा कि क्या विधानसभा चुनाव में भी लोकसभा चुनाव जैसा हाल होता है या महागठंबधन वापसी करता है।

अगर बिहार विधानसभा चुनाव में लोकसभा चुनाव जैसा ही हाल रहता है और उसी तरह का वोटिंग पैट्रन देखने को मिलता है तो राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के नेतृत्व वाले महागठबंधन को सत्ता में वापसी के लिए फिर 5 साल का इंतजार करना पड़ सकता है। इंडिया टीवी की डिजिटल टीम ने लोकसभा चुनाव के दौरान बिहार में हुए मतदान का आंकलन राज्य की विधानसभा सीटों के आधार पर किया है और पाया कि ज्यादातर विधानसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी, जनता दल यूनाइटेड और लोक जनशक्ति पार्टी के लोकसभा प्रत्याशी आगे रहे हैं।

बिहार में 40 लोकसभा सीटे हैं और हर लोकसभा सीट के दायरे में अधिकतर 5-6 विधानसभा सीटें कवर होती है, कुछेक मे लोकसभा सीटों में विधानसभा सीटों का आंकड़ा हल्का ऊपर नीचे भी है। इंडिया टीवी ने हर लोकसभा सीट के दायरे में आने वाली विधानसभा सीट पर बढ़त लेने वाली पार्टी और प्रत्याशियों के आंकड़ों को देखा तो पाया कि लगभग 97 विधानसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लोकसभा प्रत्यासियों को बढ़त रही है और करीब 92 सीटों पर जनता दल यूनाइटेड (JDU) के प्रत्याशियों को बढ़त मिली है। इतना ही नहीं, करीब 35 विधानसभा सीटों पर लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के प्रत्याशियों को बढ़त दर्ज की गई है। इन तीनों दलों ने मिलकर चुनाव लड़ा था और विधानसभा चुनाव भी अगर ये तीनों दल मिलकर लड़ते हैं और लोकसभा जैसा वोटिंग पैट्रन रहता है तो बिहार विधानसभा की 243 सीटों में से 224 सीटों पर इनका कब्जा हो सकता है। लोकसभा चुनाव में बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से 17 पर BJP, 17 पर JDU और 6 सीटों पर LJP ने चुनाव लड़ा था।

बात अगर कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और गठबंधन के अन्य दलों की की जाए और लोकसभा चुनाव में हुई वोटिंग के आधार पर उनको मिलने वाली विधानसभा सीटों का आकलन किया जाए तो उनकी स्थिति काफी खराब नजर आती है। लोकसभा चुनाव के दौरान  RJD को सिर्फ 9 और कांग्रेस को महज 5 विधानसभा सीटों पर बढ़त मिली थी। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और RJD के साथ जीतन राम मांझी की पार्टी HAM का भी गठबंधन था, लेकिन अब मांझी ने नीतीश कुमार से हाथ मिला लिया है। लोकसभा चुनाव के दौरान HAM को 2 सीटों पर बढ़त मिली थी।

लोकसभा चुनाव के दौरान असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने भी बिहार की किशनगंज लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ा था और दूसरे नंबर पर रही थी। किशनगंज सीट के दायरे में कुल 6 विधानसभा सीटें आती हैं और इन 6 सीटों में से 2 सीटों पर AIMIM के प्रत्याशी को बढ़त मिली थी। यानि इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में अगर लोकसभा चुनाव की तर्ज पर ही वोटिग होती है और ओवैसी अपने प्रत्याशी उतारते हैं तो 2 विधानसभा सीटों पर उनको जीत मिल सकती है।

2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल को सबसे ज्यादा 80 सीटों पर जीत मिली थी और दूसरे नंबर नीतीश की पार्टी JDU थी जिसे 71 सीटों पर जीत हासिल हुई थी, तीसरे नंबर 53 सीटों के साथ भाजपा और चौथे पर 27 सीटों के साथ कांग्रेस थी। बाकी सीटों पर वाम दल, निर्दलीय, लोजपा, आरएलएसपी और HAM के प्रत्याशी जीते थे।