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बिहार की सियासत में महिला सीएम उम्मीदवार की एंट्री, क्या नीतीश की समस्याएं बढ़ाएगी लंदन में पढ़ी ये लड़की

पुष्पम ने अपने ट्वीट में लिखा है कि बिहार को बदलाव की जरूरत है और 'प्लूरल' के पास इसके लिए 2025 एवं 2030 का रोडमैप है। एक अन्य ट्वीट में भी वह बिहार में बदलाव तथा विकास की बात करती हैं तथा राज्य की जनता से अपनी पार्टी से जुड़ने की अपील करती हैं।

Bihar Politics- India TV Hindi Image Source : TWITTER लंदन में पढ़ी-लिखी बिहार की बेटी ने सीएम पद पर की दावेदारी!

पटना| बिहार के अखबारों में सोमवार को बेहद आसान तरीके से एक गंभीर बात छापी गई है। सभी अखबारों के पहले पेज पर प्रकाशित एक विज्ञापन में बिहार के सीएम पद की दावेदारी की गई है। अंग्रेजियत यानी पंख लगे सफेद घोड़े के साथ एक पार्टी ऐलान कर रही है कि मैं आ गई हूं। अखबार के पहले पन्ने पर अंग्रेजी में छपे इस विज्ञापन में एक लड़की किताबों के आलमीरा के आगे तीक्ष्ण निगाहों से घूरते हुए खड़ी है। उसके बगल में लिखा है -सीएम कैंडिडेट बिहार 2020।

वहीं पेज नंबर दो पर एक मुख्यमंत्री कैंडिडेट आम बिहारी नागरिकों के लिए एक पत्र लिख रहा है। पत्र में बिहारियों से कहा गया है कि इसे संभाल कर रखें। क्योंकि आपके और आपके बच्चों के बेहतर भविष्य की गारंटी है। पत्र में दावा किया गया है कि 2030 तक बिहार यूरोप हो जाएगा। पत्र में बिहार का इतिहास लिखने के साथ ही यह भी कहा गया है कि यह मेरे शपथ-पत्र के तौर पर संभाल कर रखिएगा।

पुष्पम प्रिया चौधरी ने अपने ट्विटर हैंडल पर भी इसकी घोषणा की है। पुष्पम ने अपने ट्वीट में लिखा है कि बिहार को बदलाव की जरूरत है और 'प्लूरल' के पास इसके लिए 2025 एवं 2030 का रोडमैप है। एक अन्य ट्वीट में भी वह बिहार में बदलाव तथा विकास की बात करती हैं तथा राज्य की जनता से अपनी पार्टी से जुड़ने की अपील करती हैं। इश्तेहार वाली सीएम उम्मीदवार पुष्पम प्रिया चौधरी की पार्टी का नाम है 'प्लूरल'। बताया जा रहा है कि पुष्पम प्रिया चौधरी लंदन से पढ़ी-लिखी हैं और पूर्व विधान पार्षद विनोद चौधरी की बेटी हैं। विनोद चौधरी दरभंगा के रहने वाले हैं। पुष्पम प्रिया सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव हैं।

गौरतलब है कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में जनता दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के घोषित मुख्यमंत्री उम्मीदवार हैं। उधर विपक्षी महागठबंधन की ओर से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव की दावेदारी है। इस बीच मुख्यमंत्री चेहरा के रूप में पुष्पम प्रिया चौधरी की धमाकेदार एंट्री से राजनीतिक गलियारों में कयासों का बाजार गर्म है।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, प्रिया चौधरी दरभंगा के रसूखदार ब्राह्मण परिवार से हैं। दरभंगा और कोशी प्रमंडल की राजनीति में सेंध लगाने के उद्देश्य से बिहार के एक बड़े राजनीतिक रणनीतिकार की ओर से प्रिया को आगे किया जा रहा है। जद(यू) के वरिष्ठ नेता अफजल अब्बास के मुताबिक, "इस तरह के विज्ञापन से कोई नेता नहीं हो जाता है। जमीन पर काम करना पड़ता है। जनता नेता बनाती है। वैसे देश मे लोकतंत्र है, और कोई भी अपने आपको सीएम कैंडीडेट घोषित कर सकता है। यह सिर्फ अखबार में नाम वाली कहानी को चरितार्थ करने वाली घटना है।"अफजल अब्बास के मुताबिक, इन लोगों को गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है और न ही इससे बिहार की राजनीतिक पर कोई प्रभाव पड़ेगा।

पुष्पम के ट्विटर हैंडल के अनुसार, उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंसेज से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में एमए की डिग्री ली है। उन्होंने इंग्लैंड के यूनिवर्सिटी ऑफ ससेक्स से भी डेवलपमेंट स्टडीज में एमए किया है। विज्ञापन में उन्होंने बताया है कि विदेश में पढ़ाई के बाद अब वह बिहार वापस आकर अपने राज्य को बदलना चाहती हैं। समाचार पत्रों में दिए विज्ञापन में पुष्पम ने बिहार की जनता के नाम पत्र भी लिखा है। उन्होंने कहा है कि यह पत्र एक मुख्यमंत्री प्रत्याशी अपने साथी नागरिकों को लिख रही है। जनता से इसे संभाल कर रखने की अपील करते हुए उन्होंने लिखा है कि यह उनके बच्चों के बेहतर भविष्य की गारंटी है।

पुष्पम ने बिहार को पांच साल में देश का सबसे विकसित राज्य बनाने का दावा किया है। पुष्पम ने लिखा है कि अगर वह मुख्यमंत्री बनती हैं तो अगले पांच साल में बिहार को देश का सबसे विकसित राज्य बना देंगी और आगे साल 2030 तक राज्य का विकास यूरोप के देशों की तरह हो जाएगा। उन्होंने लिखा है कि बिहार बेहतरी के लायक है और यहां बेहतरी संभव है। पुष्पम ने अपनी राजनीतिक पार्टी 'प्लूरल' का खुद को अध्यक्ष बताया है। उनके अनुसार, यह पार्टी सकारात्मक राजनीति और पॉलिसी मेकिंग की विचारधारा पर आधारित है। उन्होंने अपने विज्ञापन में 'जन गण सबका शासन' की पंचलाइन भी दी है। साथ ही कहा है कि बिहार में अब सबका शासन होगा।