पटना: बिहार में विपक्षी दलों के महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव चुनाव प्रचार में जोर-शोर से जुटे हुए हैं। इस क्रम में वह रोजना 6 से भी ज्यादा चुनावी सभाएं कर रहे हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि कोरोना वायरस की महामारी के बावजूद तेजस्वी की रैलियों में लोगों की भारी भीड़ दिखाई दे रही है। इस भीड़ को देखकर राष्ट्रीय जनता दल सहित महागठबंधन की बाकी पार्टियां भी काफी उत्साहित हैं।
मंगलवार को तेजस्वी ने संबोधित की 9 रैलियां
RJD के नेता तेजस्वी यादव ने मंगलवार को 9 चुनावी सभाओं को संबोधित किया। इसमें भोजपुर, औरंगाबाद, गया, जहानाबाद और पटना जिले के विधानसभा क्षेत्र हैं। इससे पहले सोमवार को तेजस्वी गया, नवादा के छह चुनावी सभा को संबोधित किए थे। RJD अध्यक्ष लालू प्रसाद की अनुपस्थिति में तेजस्वी यादव के लिए यह चुनाव महत्वपूर्ण माना जा रहा है, यही कारण है कि वह पूरे दमखम के साथ चुनावी प्रचार में जुटे हैं। चुनावी प्रचार के दौरान तेजस्वी केंद्र सरकार पर तो निशाना साध रहे हैं, लेकिन उनका मुख्य निशाना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हीं हैं।
बेरोजगारी को तेजस्वी ने बनाया प्रमुख मुद्दा
तेजस्वी ने चुनाव प्रचार में जाने के पहले भी 10 लाख लोगों को रोजगार देने का वादा कर संकेत दे दिया था वह बेरोजगारी को प्रमुख मुद्दा बनाएंगे। कहा भी जा रहा है कि इस मुद्दे के कारण लोग खासकर युवा उनसे जुड़ रहे हैं। RJD प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि बिहार में लोग नीतीश सरकार से नाखुश हैं और एक युवा मुख्यमंत्री की चाहत में तेजस्वी के साथ जुट रहे हैं। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि रैलियों में भीड़ से इसका अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह भीड़ तेजस्वी को सुनने पहुंच रही है। वैसे, भीड़ देखकर RJD के नेता जरूर उत्सासहित हैं, लेकिन यह भीड़ वोट के रूप में कितना बदलेगी, यह तो 10 नवंबर को चुनाव परिणाम के बाद ही पता चल पाएगा। (IANS)