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बिहार चुनाव: चाय-समोसे और रसगुल्ले तक का हिसाब, प्रत्याशियों के खाते में ऐसे जुड़ेगा एक-एक रुपया

चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के लिए प्रत्याशियों की खर्च की सीमा तय कर दी है। चुनाव प्रचार के दौरान प्रत्याशी 10 हजार नकद और 28 लाख से अधिक खर्च नहीं कर सकेगा।

Election Commission rate list for tea samosa and rasgulla for Bihar vidhan sabha election- India TV Hindi Image Source : INDIA TV Election Commission rate list for tea samosa and rasgulla for Bihar vidhan sabha election

पटना। चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के लिए प्रत्याशियों की खर्च की सीमा तय कर दी है। चुनाव प्रचार के दौरान प्रत्याशी 10 हजार नकद और 28 लाख से अधिक खर्च नहीं कर सकेगा। वहीं इस बार प्रत्याशियों द्वारा किए जाने वाले खर्च पर चुनाव आयोग की पैनी नजर रहेगी। चुनाव में अवैध खर्च रोकने के लिए 42 टीम लगाई गईं हैं। प्रत्याशियों द्वारा चाय, कॉफी, समोसा से लेकर बैनर, कनात, पंडाल और वाहनों पर किस तरह खर्चा करना है, ये भी तय कर दिया गया है। अब प्रत्याशी ​सिर्फ 8 रुपए का समोसा, 12 रुपए की कॉफी और 15 रुपए की कीमत वाला रसगुल्ला ही अपने कार्यकर्ताओं को खिला सकेंगे। इतना ही नहीं रजिस्टर में शुल्क दर्ज से अधिक खर्च किया तो कार्रवाई भी होगी। 

चुनाव आयोग के मुताबिक, बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में चुनाव प्रचार के दौरान कोई भी प्रत्याशी 28 लाख से अधिक खर्च नहीं कर सकेगा। कॉफी, समोसे और रसगुल्ले के साथ ही लंच पैकेट की कीमत भी 105 रुपए तय की गई है यानि लंच पैकेट इससे अधिक महंगा नहीं होना चाहिए। प्रत्याशी के खर्च में कागज-कलम की भी दर तय कर दी गई है। इसके अलावा वाहनों की भी अलग-अलग दर निर्धारित की गई है। इस खर्च में बल्ब जलाने पर आने वाले बिजली के बिल की वाट के हिसाब से राशि तय की गई है, वहीं होल्डर की कीमत भी तय कर दी गई है।

चुनाव में प्रत्याशियों के खर्च पर कड़ी नजर रखने के लिए चुनाव आयोग ने सभी जिलों के निर्वाचन अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। सभी प्रत्याशियों को अपने नामांकन दाखिले के लिए फार्म भरने से पहले एक अलग खाता भी रखना होगा। जिले के दस विधानसभा चुनाव को लेकर सेंकेंड व थर्ड फेज में चुनाव कराया जाएगा।

चुनाव प्रचार सामग्री का भी रेट तय

समोसा, कॉफी और रसगुल्ले के अलावा चुनाव प्रचार सामग्री का भी रेट तय कर दिया गया है। कपड़े का बैनर 20 रुपया वर्गफीट और झंडा 22 रुपया पीस के हिसाब से ही खर्च में शामिल किया जा सकेगा। होर्डिंग का खर्चा 80 रुपए वर्गफीट के हिसाब से तय हुआ है। वीडियो व ऑडियो कैसेट के लिए 20 रुपए प्रति पीस तय किया गया है। चुनाव आयोग ने प्रत्याशियों के वैध खर्चे पर नजर रखने के लिए 56 टीमों को लगाया है, वहीं अवैध खर्च रोकने के लिए 42 टीम लगाई गई हैं, जो हर दिन अपनी रिपोर्ट देंगी। 

प्रत्याशी वाहनों पर खर्च कर पाएंगे केवल इतने रुपए

प्रत्याशी 50 और उससे अधिक क्षमता की बस पर 2850 रुपए, 40 से 49 सीट क्षमता वाली बस पर 2600 रुपए, 23 से 39 सीट वाली मिनी बस के लिए 1950 रुपए, छोटी कार पर 800 रुपए, छोटी एसी कार पर 900 रुपए, जीप-कमांडर-जिप्सी के लिए 900 रुपए खर्च कर पाएंगे। वहीं बोलेरो, सूमो, मार्शल के लिए 1000 रुपए, एसी युक्त बोलेरो, सूमो, मार्शल के लिए 1200 रुपए साथ ही जायलो, स्कॉर्पियो, ट्रेवलर के लिए 1600 रुपए खर्च कर पाएंगे। सफारी-इनोवा के लिए 1700 रुपए, ऑटो रिक्शा के लिए 500 रुपए, बाइक पर 250 रुपए, भारी गाड़ी पर 1950 से 2600 रुपये तक ही खर्च कर सकेंगे।

टोपी पहनी या पहनाई तो जुड़ेंगे 150 रुपए

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में टोपी का भी रेट तय किया गया है। चुनाव प्रचार के दौरान अगर प्रत्याशी ने किसी व्यक्ति को खादी की टोपी पहनाई या फिर किसी व्यक्ति ने प्रत्याशी को पहनाई तो दोनों ही स्थितियों में प्रत्याशी के खर्च में 150 रुपए जोड़ा जाएगा। जानिए टोपी के रेट  कितने तय किए गए हैं। टोपी खादी के लिए 150 रुपए, टोपी कपड़ा सूती के लिए 30 रुपए, पगड़ी के लिए 150 रुपए प्रति पीस, टोपी कैप के लिए 55 रुपए प्रति पीस, बैच छोटा के लिए 45 रुपए प्रति पीस तय किया गया है।

कोरोना पॉजिटिव मरीज ऐसे डालेंगे वोट

कोरोना को देखते हुए चुनाव आयोग ने कानून मंत्रालय को पहले ही पत्र लिखा है और इसमें प्रचार खर्च 2 लाख रुपए और बढ़ाने की मांग की है। चुनाव आयोग का कहना है कि कानून मंत्रालय की सहमति के बाद खर्च बढ़ाया जा सकेगा। लेकिन, अब तक जारी किये गए आदेश के मुताबिक कोई भी उम्मीदवार 28 लाख से ज्यादा खर्च नहीं कर सकते हैं। कानून मंत्रालय की सहमति मिलने के बाद इसके लिए अलग से अधिसूचना जारी की जाएगी। बिहार विधानसभा चुनाव में अब तक कोरोना पॉजिटिव हुए मरीजों के लिए अलग से वोटर लिस्ट बनेगी। जो लोग पॉजिटिव आए हैं, उनके वोट अलग लाइन लगवाकर डलवाए जाएंगे। इसके अलावा कोरोना के लक्षण वाले व्यक्ति भी अलग लाइन में लगेंगे। कोरोना पॉजिटिव मरीजों को सबसे अंत में वोट डालने का मौका मिलेगा।