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बिहार विधानसभा चुनाव: BJP ने LJP के टिकट पर चुनाव लड़ रहे अपने 9 नेताओं को पार्टी से निकाला

बिहार विधानसभा चुनाव में BJP ने लोजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे अपने 9 नेताओं को पार्टी से निकाल दिया है। पार्टी से निकाले गये नेताओं में राजेंद्र सिंह से लेकर रामेश्वर चौरसिया जैसे कद्दावर नेता शामिल हैं।

Bihar assembly elections: BJP expelled his 9 leaders who contesting on LJP ticket- India TV Hindi Image Source : PTI Bihar assembly elections: BJP expelled his 9 leaders who contesting on LJP ticket

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में BJP ने लोजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे अपने 9 नेताओं को पार्टी से निकाल दिया है। पार्टी से निकाले गये नेताओं में राजेंद्र सिंह से लेकर रामेश्वर चौरसिया जैसे कद्दावर नेता शामिल हैं। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल द्वारा जारी पत्र के मुताबिक पार्टी ने राजेंद्र सिंह, रामेश्वर चौरसिया, डॉ उषा विद्यार्थी, विधायक रवीन्द्र यादव, श्वेता सिंह, इंदु कश्यप, अनिल कुमार, मृणाल शेखर और अजय प्रताप को 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के पत्र में कहा गया है कि ये सभी लोग एनडीए प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। इससे पार्टी और एनडीए की छवि धूमिल हो रही है। लिहाजा उन्हें पार्टी से निकालने का फैसला लिया गया है।

भाजपा ने इससे पहले रविवार को बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए 46 उम्मीदवारों की सूची जारी की थी। पार्टी अब तक 75 विधानसभा क्षेत्रों के लिए अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर चुकी है। प्रदेश के मंत्री नंद किशोर यादव (पटना साहिब से विधायक) और पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा के बेटे नीतीश मिश्रा को भाजपा ने टिकट दिया है। पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक शनिवार को यहां हुई थी, जिसके बाद आज सूची जारी की गयी। भाजपा राज्य में जद (यू) के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है। 

गठबंधन में विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) को भी शामिल किया गया है। भाजपा 243 सदस्यीय विधानसभा में 110 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। पार्टी ने अपने कोटे की 11 सीटें वीआईपी को दी हैं। जद (यू) 115 सीटों पर किस्मत आजमाएगी और उसने अपने कोटे की सात सीटें ‘हम’ के लिए छोड़ी हैं। गौरतलब है कि बिहार में 28 अक्टूबर, तीन नवंबर और सात नवंबर को तीन चरणों में विधानसभा चुनाव है। मतगणना 10 नवंबर को होगी। 

बिहार चुनाव: भाजपा के चुनावी अंकगणित में सवर्णों पर पकड़ बनाए रखने के साथ ओबीसी, दलितों को लुभाने की कोशिश

बिहार में विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए 46 उम्मीदवारों की भाजपा की सूची पर नजर डाली जाए तो इसमें बड़े पैमाने पर ओबीसी और दलित वोट बैंक में सेंध लगाने और उच्च जाति के समर्थन को बरकरार रखने की रणनीति अपनायी गयी है। राज्य विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में सदन की 243 सीटों में से 94 सीटों पर तीन नवंबर को मतदान होगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के साथ सीट बंटवारे की व्यवस्था के तहत भाजपा को इनमें से आधी से अधिक सीटें मिली है। 

भाजपा ने दूसरे चरण के चुनाव वाली सीटों में से 20 पर पिछले विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी जिनमें से चार सीटों सुगौली, चनपटिया, सीवान और अमनौर में इसके निवर्तमान विधायक इस बार टिकट से वंचित रह गए हैं। सुगौली सीट जदयू के खाते में चली गयी है और भाजपा ने शेष तीन सीटों पर इस बार नए चेहरों पर भरोसा किया है। 

बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए भाजपा द्वारा घोषित 46 उम्मीदवारों में से लगभग आधे उम्मीदवार उच्च जातियों राजपूत, भूमिहार, ब्राह्मण, कायस्थ और वैश्य से आते हैं जो राज्य में पार्टी का मुख्य आधार हैं। भाजपा ने यादव समुदाय से आठ उम्मीदवारों को टिकट दिया है, जिसके जरिए पार्टी ने राज्य में सबसे बड़े ओबीसी समूह में सेंध लगाने की कोशिश कर रही है। सभी 115 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा करने वाली जदयू ने भी पर्याप्त संख्या में यादव समुदाय के लोगों को मैदान में उतारा है।

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