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RJD के बाद LJP ने भी महामारी के दौरान विधानसभा चुनाव कराये जाने पर जताई चिंता

कोविड-19 महामारी फैलने के बीच बिहार विधानसभा चुनाव कराये जाने पर विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल के चिंता प्रकट करने के कुछ दिनों बाद शुक्रवार को भाजपा के सहयोगी दल लोजपा ने कहा कि यह चुनाव लोगों की जान को खतरे में डाल सकता है

RJD के बाद LJP ने भी महामारी के दौरान विधानसभा चुनाव कराये जाने पर जताई चिंता - India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO RJD के बाद LJP ने भी महामारी के दौरान विधानसभा चुनाव कराये जाने पर जताई चिंता 

नयी दिल्ली: कोविड-19 महामारी फैलने के बीच बिहार विधानसभा चुनाव कराये जाने पर विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल के चिंता प्रकट करने के कुछ दिनों बाद शुक्रवार को भाजपा के सहयोगी दल लोजपा ने कहा कि यह चुनाव लोगों की जान को खतरे में डाल सकता है और मतदान प्रतिशत भी बहुत कम रह सकता है। लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान की इस टिप्पणी से सहयोगी दलों, खासतौर पर जनता दल (यूनाइटेड) और उनकी पार्टी के बीच दरार एक बार फिर उभर कर सामने आ गई है। 

उनकी टिप्पणी के बाद, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नीत जद(यू) ने फौरन ही प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि समय पर चुनाव होना ‘‘सुशासन के हित में’’ होगा। हालांकि, भाजपा ने इस विषय पर अपनी नपी-तुली प्रतिक्रिया में कहा कि चुनाव कराना चुनाव आयोग का विशेषाधिकार है। उल्लेखनीय है कि राज्य में अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। हालांकि, चुनाव आयोग ने इसके कार्यक्रम के बारे में अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है।

पासवान ने ट्विटर पर कहा, ‘‘न सिर्फ बिहार, बल्कि पूरा देश कोरोना वायरस से प्रभावित है। इस महामारी ने केंद्र और बिहार के वित्त को प्रभावित किया है। इन सबके बीच चुनाव कराने से राज्य पर और अधिक वित्तीय बोझ बढ़ेगा।’’ उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘चुनाव आयोग को व्यापक चर्चा के बाद निर्णय लेना चाहिए। कहीं ऐसा न हो कि बड़ी आबादी खतरे में पड़ जाए। इस महामारी के बीच यदि चुनाव हुए तो मतदान प्रतिशत भी बहुत कम रहेगा, जो लोकतंत्र के लिये अच्छा नहीं है। ’’हालांकि, उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी चुनाव के लिये तैयार है। 

उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव ने कहा था कि महामारी के दौरान चुनाव कराना सही नहीं होगा और उन्होंने राज्य में स्थिति को भयावह बताया था। यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ रहे मामलों के मद्देनजर समय पर चुनाव कराना सही रहेगा, उन्होंने कहा था, ‘‘मुझे लगता है कि यह उचित नहीं होगा। राज्य में स्थिति भयावह है और महामारी के बीच लोगों को खुद के भरोसे छोड़ दिया गया है।’’ 

उन्होंने नियमित रूप से डिजिटल रैलियां करने को लेकर जद(यू)-भाजपा गठबंधन की भी आलोचना की थी, जिनके तहत इन दलों के नेता समूचे राज्य के कार्यकर्ताओं के साथ संवाद कर रहे हैं। हालांकि, राजद के सहयोगी दल कांग्रेस ने कोविड-19 महामारी फैलने के कारण कुछ शर्तों के साथ निर्धारित समय पर चुनाव कराये जाने का समर्थन किया है। बिहार के लिये अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) प्रभारी शक्तिसिंह गोहिल ने कहा कि कांग्रेस तय कार्यक्रम के मुताबिक चुनाव कराये जाने का पूरी तरह से समर्थन करती है। हालांकि, उन्होंने चुनाव के दौरान मतदाताओं और चुनाव कर्मियों के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा का भी जिक्र किया।

वहीं, एक अन्य विपक्षी दल, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा(हम) प्रमुख एवं पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी निर्धारित समय पर चुनाव कराये जाने के पक्ष में हैं। पूर्व सांसद एवं जन अधिकार पार्टी बनाने वाले राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने चुनाव टलवाने के लिये उच्चतम न्यायालय का रुख करने की धमकी दी है। राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल भाजपा और जद(यू) ने कहा है कि वे चुनाव के लिये तैयार हैं और पार्टी की सांगठनिक बैठकें कर रहे हैं। 

जद(यू) प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि उनकी पार्टी का मानना है कि चुनाव आयोग ने समय पर चुनाव कराने के लिये सभी राजनीतिक दलों के साथ विचार-विमर्श करने के बाद निर्णय लिया है। उन्होंने कहा, ‘‘जद(यू) ने निर्धारित समय पर चुनाव होने की संभावना को ध्यान में रखते हुए अपनी तैयारियां की है। ’’ उन्होंने कहा कि समय पर चुनाव होना सुशासन के हित में होगा और यह बिहार को राष्ट्रीय स्तर पर अपना वाजिब सम्मान पाने में मदद करेगा। 

भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि चुनाव आयोग ने सिर्फ स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के तौर तरीकों पर, बल्कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर सुरक्षित चुनाव कराने पर भी काम शुरू कर दिया है। आनंद ने कहा कि यदि चुनाव आयोग स्थिति से संतुष्ट है तो चुनाव निश्चित रूप से निर्धारित समय पर ही होंगे। उन्होंने कहा, ‘‘कोई भी राजदिनीतिक दल अपना विचार प्रकट करने के लिये स्वतंत्र है लेकिन चुनाव कराना चुनाव आयोग का विशेषाधिकार है। हम अक्टूबर-नवंबर 2020 में होने वाले बिहार चुनाव से जुड़े आयोग के निर्णय का अनुपालन करेंगे। ’’ 

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