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Hindi News एजुकेशन कोटा कोचिंग इंडस्ट्री की रीढ़ हैं 'करोड़पति टीचर', सैलरी सुन उड़ जाएंगे होश

कोटा कोचिंग इंडस्ट्री की रीढ़ हैं 'करोड़पति टीचर', सैलरी सुन उड़ जाएंगे होश

देश में इंजीनियरिंग और मेडिकल कोचिंग के लिए मशहूर कोटा अब केवल स्टूडेंट्स की ही पहली पसंद नहीं है। देशभर के टॉप क्लास के टीचर्स भी अब यहां का रुख कर रहे हैं। जिसकी सबसे बड़ी वजह यहां टीचर्स को मिलने वाली सैलरी है।

सांकेतिक फोटो- India TV Hindi Image Source : PTI/FILE सांकेतिक फोटो

भारत के कोचिंग हब के रूप में मशहूर राजस्थान का कोटा न केवल बड़े इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों में एडमीशन पाने की तमन्ना वाले छात्र-छात्राओं की पसंदीदा जगह है, बल्कि देश भर के टॉप टीचर्स की भी फेवरेट जगह है। यहां कि कोचिंग सस्थानों में पढ़ाने वाले ज्यादातर टीचर देश के मशहूर इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों के X स्टूडेंट रहे हैं। बहुत से ऐसे हैं, जिन्होंने कोटा को ही अपना परमानेंट घर बना लिया है। इसकी मुख्य वजह है वहां टीचर्स को मिलने वाली ताबड़ सैलरी। 

25 लाख से 2 करोड़ का पैकेज
जब बता सैसरी की आती है तो कोटा के कोचिंग संस्थानों में पढ़ा रहे टीचर्स का सैलरी पैकेज 25 लाख से लेकर दो करोड़ रुपये सालाना तक है। अपने करियर ग्रोथ, पक्की नौकरी और मनमाफिक कामकाज की वजह से बहुत से इंजीनियरिंग और मेडिकल ग्रेजुएट यहां नौकरी करने के लिए बेताब रहते हैं।

एस-पी-आर सर के नाम से जाने जाने वाले मध्य प्रदेश के प्रताप रघुवंशी भी उनमें से एक हैं। उनका कहना है कि "मैं पढ़ाता हूं। मैंने तो यूपीएससी पास करने का सपना भी छोड़ दिया। मेरे माता-पिता गांव में रहना पसंद करते हैं, लेकिन मेरी पत्नी और बच्चे मेरे साथ रहते हैं। मुझे अपना प्रोफेशन पसंद है। जब मैं ब्रीलिएंट यंग स्टूडेंट्स को पढ़ाता हूं, तो खुद भी काफी सीखता हूं।

वहीं, गणित(Maths) के टीचर रिशभ जैन का कहना है, "जब कोई आदमी किसी शहर या गांव से बाहर निकलता है, तो वो बिजनेस या काम की वजह से ऐसा करता है। कोटा एजूकेशन का बेस्ट सेंटर है। इसलिए मैंने यहीं रहने का फैसला किया। मैं गणित पढ़ाता हूं और मुझे सालाना 25 लाख रुपये मिलते हैं।"

रिशभ की तरह बिहार से कोटा आए अशोक कुमार सिंह भी हैं। उन्होंने यहीं बसने का फैसला किया है। उनके बेटे ने पिछले साल JEE क्रैक किया है। अब वो आईआईटी में पढ़ रहा है। भौतिक विज्ञान(Physics) के टीचर अशोक कुमार सिंह का कहना है, "कड़ी मेहनत की आदत की वजह से लोग कोटा आते हैं। स्टूडेंट और टीचर वाकई कड़ी मेहनत करते हैं। मुझे सालाना 60 लाख रुपये मिलते हैं। यहां छात्रों के साथ-साथ टीचरों के लिए बहुत मौके हैं।"

आपको बता दें कि मोटे सैलरी पैकेज के अलावा कोटा शानदार शहर है। टीचर कहते हैं कि यहां जिंदगी मजे से कट रही है।

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