दुनिया में शायद ही कोई ऐसा होगा जिसे सर्दियों और बर्फीली जगहों से प्यार न हो। हर इंसान को सर्दी का मौसम बेहद अच्छा लगता है। इसलिए लोग इस मौसम में बर्फीले इलाकों में ट्रिप करने की प्लानिंग करते हैं। ज्यादातर लोग सर्दी के मौसम में इसलिए ट्रिप प्लान करते हैं क्यों कि उन्हें बर्फबारी/ स्नोफॉल को देखना होता है। कोई भी बर्फीले इलाकों की सुंदरता को नकार नहीं सकता। लेकिन क्या आपको बर्फ के इतनी स्लिपरी होने का कारण पता है।
अगर आपने बर्फीले इलाकों में जाकर कभी कोई एडवेंचर किया होगा तो आप उसपर कभी न कभी फिसले भी होंगे। इस पर आपने कभी सोचा कि बर्फ पर इतनी फिसलन क्यों होती है? अगर आप इसका कारण नहीं जानते हैं तो आपको इसके बारे में पता होना चाहिए। आज हम आपको इस खबर के जरिए इसके बारे में बताएंगे।
बर्फ पर फिसलन के कारण की हुई रिसर्च
विंटर ओलंपिक में आइस स्केटिंग का गेम केवल इस फैक्ट पर निर्भर करता है कि बर्फ पर फिसलन होती है। लेकिन बर्फ पर फिसलन क्यों होती है, इस बात का जवाब इंटरनेशनल रिसर्चर्स की एक टीम सामने लेकर आई है। मैड्रिड के कॉम्प्लूटेंस यूनिवर्सिटी ने रिसर्चर्स की एक टीम का नेतृत्व किया है जिन्होंने परमाणु स्तर(Atomic Level) पर बर्फ पर किसी ठोस वस्तु से स्लाइड करने के मूवमेंट को ऑब्जर्व करने के लिए कंप्यूटर सिमुलेशन का उपयोग किया है।
रिसर्च में बताया गया यह कारण
मैड्रिड के कॉम्प्लूटेंस यूनिवर्सिटी (UCM) की रिसर्च के मुताबिक, सिमुलेशन ने पाया कि बर्फ की सतह पर एक स्व-चिकनाई परत है। रिसर्च के मुतबाबिक जब बर्फ की सतह किसी सॉलिड वस्तु के कॉन्टेक्ट में आती है, तो यह पिघलने के साथ-साथ एक स्व-चिकनाई परत भी बनाती है। रिसर्च के अनुसार यह सेल्फ परपेचुएटिंग ल्यूब्रिकेटिंग लेयर है जो बर्फ को स्लिपरी या फिसलनभरी बनाती है। इस बात पर कोई आश्चर्य नहीं कि यह लेयर बर्फीली प्लेफॉर्म पर स्केटिंग और कार दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार है।
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