आज के इस आधुनिक समय में हर किसी के पास विभिन्न संसाधन हैं। इधर-उधर जाने के लिए कोई बाइक का इस्तेमाल करता है तो कोई कार का, या यूं कहें कि अपनी आर्थिक स्थिति के आधार पर लोग अपने आने जाने के संसाधन को चुनते हैं। लेकिन इस एडवांस दुनिया में मोटरबाइक तो लगभग हर किसी के पास होती ही है। लेकिन जब हम रोड पे बाइक या कार से चलते हैं तो काले-पीले ब्रेकर से जैसे ही गाड़ी नकलती है, वैसे ही गाड़ी के साथ शरीर में भी थिरकन होती है। इसके अलावा उस दौरान अजीब सी आवाज भी आती है। लेकिन आपने कभी इस बात पर कभी गौर किया है कि आखिर ऐसा होता क्यों है? आज हम आपको इस खबर के जरिए इस बात की जानकारी देंगे।
क्या है इनका नाम?
पहले की तरह अब हमें रोड पर या हाई-वे पर कंक्रीट के बड़े-बड़े ब्रेकर देखने को मिलते ही नहीं हैं। अगर कहीं मिलते भी हैं तो उनकी तादाद काफी कम है। हां, आधुनिकता के साथ ब्रेकर का स्वरूप भी बदल गया है। आज, हमें ये पीले-काले रंग के छोटे आकार में देखने को मिलते हैं। इन स्पीड ब्रेकर्स को रंबल स्ट्रिप्स कहते हैं। जब हमारी गाड़ी इन ब्रेकर्स से गुजरती है को ऐसा लगता है कि कहीं गाड़ी में तो कोई नुकसान नहीं हुआ है। लेकिन ऐसा होता कुछ भी नहीं है,हकीकत इससे बिलकुल अलग होती है।
छुपी हुई है साइंस
दरअसल, इन ब्रेकर्स को बनाने के पीछे भी एक साइंटिफिक रीजन है। ये स्पीड ब्रेकर्स अलग अलग टुकड़ों से बनाए जाते हैं। काले पीले रंग के ये छोटे-छोटे ब्रकर्स हार्ड फाइबर के बने होते हैं और इनमें एयरगैप कुछ इस तरह से दिया जाता है कि ये शॉक एब्जॉर्बर की तरह दबने के बाद वापस उछाल लेते हैं। इनके नीचे मैटल प्लेट को लगाया जाता है और इन्हें वन साइड नट से फिट किया जाता है।
इसलिए लगते हैं झटके
अपनी डिजाइन की वजह से जब कोई गाड़ी इनके ऊपर से गुजरती है तो ये दब जाते हैं और इनके नीचे मौजूद मेचल प्लेट के सड़क पर टकराने से आवाज आती है। दरअसल, ये दबने के बाद गाड़ी को वापस झटका देते हैं। इस वजह से लोगों को झटके का एहसास होता है।
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