भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानि ISRO अपने तीसरे मून मिशन, चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग की घोषणा कर चुका है। चंद्रयान-3 को 14 जुलाई 2023 के दिन श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा। इससे पहले 2019 में 22 जुलाई को मिशन चंद्रयान 2 लॉन्च किया गया था, उस समय अंतरिक्ष विभाग के सचिव और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(ISRO) और अंतरिक्ष आयोग के अध्यक्ष थे K Sivan। आज हम आपको बताएंगे कि इसरो के पूर्व चीफ K Sivan ने कैसे मून मिशन के लॉन्चिंग की तैयारी की थी। वहीं, मौजूदा समय अंतरिक्ष विभाग के सचिव और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(ISRO) और अंतरिक्ष आयोग के अध्यक्ष एस सोमनाथ हैं।
K Sivan एक साधारण किसान परिवार से आते हैं। सिवन का जन्म भारत के तमिलनाडु राज्य के कन्याकुमारी जिले में नागरकोइल के पास मेला सरक्कलविलाई में हुआ था। उनके माता-पिता कैलासवादिवू और मां चेल्लम हैं। उनकी शुरुआती पढ़ाई एक तमिल माध्यम के सरकारी स्कूल में हुई। इसके बाद सिवन ने 1980 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल की। वह अपनी फैमिली में पहले ग्रेजुएट हैं। उन्होंने 1982 में भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री प्राप्त की और इसरो में काम करना शुरू कर दिया। उन्होंने 2006 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की। वह इंडियन नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग, एयरोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया और सिस्टम्स सोसाइटी ऑफ इंडिया के फेलो हैं।
K Sivan ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के लिए प्रक्षेपण वाहनों के डिजाइन और विकास पर काम किया। वह 1982 में ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) परियोजना में भाग लेने के लिए इसरो में शामिल हुए। इसके बाद उन्हें 2 जुलाई 2014 को इसरो के लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर के निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्हें अप्रैल 2014 में सत्यबामा विश्वविद्यालय, चेन्नई से डॉक्टर ऑफ साइंस (मानद उपाधि) से सम्मानित किया गया। इसके बाद 1 जून 2015 को वह विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक बने। K Sivan को जनवरी 2018 में इसरो का प्रमुख नियुक्त किया गया था। उनकी अध्यक्षता में, इसरो ने 22 जुलाई 2019 को चंद्रमा पर दूसरा मिशन चंद्रयान 2 लॉन्च किया था।
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