आपने अक्सर सुना होगा लोगों को ये कहते हुए कि चलो होटल पर चलकर चाय-पानी पी लेंगे या खाना खा लेंगे। और आप समझ जाते की पास के किसी जगह, जहां पर ये सारी चीजें मिलती है वहां की बात हो रही है। बता दें कि ये एक तरह से गलत है। ज्यादातर लोग होटल का नाम सुनकर उसे सिर्फ खाने-पीने की ही जगह समझते हैं, जबकि ऐसा नहीं है। इसलिए आज हम आपको होटल, रेस्टोरेंट और रिसॉर्ट में क्या बड़ा अंतर है, यहां बताने जा रहे हैं।
होटल
होटल की बिल्डिंग काफी बड़ी बनाई जाती है, जिसे बनाने में काफी पैसा खर्च होता है। ये लोगों के ठहरने के उद्देश्य से बनाए जाते हैं। यहां गाड़ी पार्किंग के लिए सुविधा भी होती है। होटल में खुद का किचन होता है तो ठहरे हुए गेस्ट के लिए खाना बनाता है। होटल के कमरों यात्रियों के लिए मिनी बार, टीवी, फ्रिज, टेलीफोन जैसी सुविधाएं दी जाती हैं। होटल को फैसिल्टी और बजट के हिसाब के वन स्टार, टू-स्टार, थ्री स्टार, 4 स्टार और फाइव स्टार कैटेगरी के हिसाब से बनाया जाता है।
रिसॉर्ट
बात अगर रिसॉर्ट की करें तो ये काफी बड़े, महंगे और आमतौर पर टूरिस्ट लोकेशन पर बनाए जाते हैं। इनको बनाने के लिए काफी बड़ी जमीन की जरूरत होती है। रिसॉर्ट में लोग घूमने, मौज मस्ती करने या फिर हनीमून मनाने आते हैं। रिजॉर्ट में बढ़िया खाना, मनोरंजन के तमाम साधन जैसे स्विमिंग पूल, जिम, स्पा, बुटीक जैसी लग्जरी सुविधाएं मिलती हैं। ये मंहगे और सस्ते दोनों कैटेगरी में होते हैं।
रेस्टोरेंट
अब बात करते हैं रेस्टोरेंट की, यहां सिर्फ खाना मिलता है। यहां पर लोगों के रुकने की कोई व्यवस्था नहीं रहती है। ये आपको शहर के अंदर और हाईवे दोनों जगह दिख सकते हैं। यहां पर आप सिर्फ खाना खा सकते हैं या खाने को पैक करवा सकते हैं।
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