पश्चिम बंगाल अपराध जांच विभाग (CID) ने एक भर्ती परीक्षा के दौरान कैंडिडेट्स को नकल कराने में मदद करने वाले रैकेट में कथित संलिप्तता के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया है। यह जानकारी अधिकारियों ने 14 जून को दी। बता दें कि यह मामला पश्चिम बंगाल लोक सेवा आयोग द्वारा इस वर्ष की शुरुआत में राज्य खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में उपनिरीक्षक के पदों के लिए आयोजित भर्ती परीक्षा से संबंधित है।
एक वरिष्ठ लेखा परीक्षक, दूसरा केंद्र सरकार का कर्मचारी
एक अधिकारी ने बताया, "दोनों व्यक्तियों को 13 जून की रात को नदिया जिले के कल्याणी और धुबुलिया से गिरफ्तार किया गया।" आरोपियों में से एक प्रधान महालेखाकार कार्यालय में वरिष्ठ लेखा परीक्षक है, जबकि दूसरा, जिस पर रैकेट का मास्टरमाइंड होने का शक है, केंद्र सरकार का कर्मचारी है। कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देश पर CID ने जांच अपने हाथ में ले ली। अधिकारी ने बताया कि दोनों के पास से ग्यारह मोबाइल फोन और कई बैंक पासबुक जब्त की गईं।
एमपी हाई कोर्ट ने सिविल जज परीक्षा 2022 से संबंधित भर्ती की कार्यवाही पर लगाई रोक
वहीं, मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने बृहस्पतिवार को सिविल जज (प्रवेश स्तर) परीक्षा 2022 से संबंधित भर्ती की कार्यवाही पर रोक लगा दी। कोर्ट ने उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार और रजिस्ट्रार (परीक्षा प्रभाग) को सिविल जज (प्रवेश स्तर) परीक्षा 2022 की भर्ती में आगे की कार्यवाही पर रोक लगाने का निर्देश दिया। मामले में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश शील नागू और न्यायमूर्ति एएन केशरवानी की खंडपीठ ने कहा, "जब तक उपरोक्त प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, प्रतिवादियों को दिनांक 17 नवंबर 2022 की विज्ञापन संख्या 113/परीक्षा/सीजे/2022 के तहत शुरू की गई भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाने से रोका जाता है।"
याचिकाकर्ता के वकील अतुल चौधरी ने बताया, "कुछ उम्मीदवारों ने यह आधार लिया कि हाई कोर्ट ने विज्ञापन के अनुसार एलएलबी में न्यूनतम 70 प्रतिशत अंकों के साथ एटीकेटी या वैकल्पिक रूप से बार में तीन वर्ष के अनुभव की पात्रता को बरकरार रखा है, इस वजह से, मुख्य परीक्षा के लिए अयोग्य उम्मीदवारों को हटाकर नए कट ऑफ अंक के साथ प्रारंभिक परीक्षा की लिस्ट की समीक्षा की जानी चाहिए।
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