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भारत की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर लंदन में वेबिनार

लंदन के नेहरू सेंटर द्वारा मंगलवार को एक वेबिनार आयोजित किया गया। खास बात यह है कि इस अंतरराष्ट्रीय वेबिनार में भारत की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर चर्चा की गई।

<p>Webinar in London on India's new national education...- India TV Hindi Image Source : GOOGLE Webinar in London on India's new national education policy

नई दिल्ली।  लंदन के नेहरू सेंटर द्वारा मंगलवार को एक वेबिनार आयोजित किया गया। खास बात यह है कि इस अंतरराष्ट्रीय वेबिनार में भारत की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर चर्चा की गई। इस वेबिनार में जहां भारत के केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक' शामिल हुए, वहीं इंग्लैंड के पूर्व मंत्री जो जॉनसन भी इसका हिस्सा बने। इस वेबिनार में नई भारतीय राष्ट्रीय शिक्षा नीति की आउटरीच पर विस्तार से चर्चा की गई।

शिक्षा मंत्री निशंक ने ब्रिटिश व भारतीय शिक्षाविदों को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बारे में बताते हुए कहा, "इस महामारी के दौरान चुनौतियों को अवसर में बदलते हुए हम यह नीति लाए हैं। इस नीति को प्रधानमंत्री से लेकर ग्राम प्रधान तक के सुझावों के बाद लाया गया है। सभी चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक बहुत ही व्यवस्थित और संगठित प्रयास किया गया है। इससे उच्च शिक्षा पारिस्थितिकी तंत्र के समग्र पुनर्गठन को नए भारत की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाया जा सकेगा।"

उन्होंने कहा कि हमारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 21वीं सदी की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए छात्रों को पूर्णत सुसज्जित और सक्षम करेगी। इसकी मदद से वह अपनी शिक्षा को अधिक अनुभवात्मक, समग्र और एकीकृत, खोज उन्मुख, चर्चा आधारित, लचीला और सुखद बना सकेंगे। पाठ्यक्रम में विज्ञान और गणित के अलावा बुनियादी कला, शिल्प, खेल, भाषा, साहित्य, संस्कृति और मूल्य शामिल होंगे।

गौरतलब है कि भारतीय राष्ट्रीय शिक्षा नीति ज्ञानार्जन के अवसरों के लिए उच्च शिक्षा में अंतरविषयी अध्ययन और एकीकृत पाठ्यक्रम पर जोर देती है। इसका उद्देश्य मूल्य-आधारित समग्र शिक्षा प्रदान करना, वैज्ञानिक स्वभाव का विकास करना और साथ ही भारत के युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना है।

शिक्षा मंत्री ने कहा, "इसके अलावा नई शिक्षा नीति का विजन भारतीय विश्वविद्यालयों के लिए नए आयाम स्थापित करना और उन्हें साकार करना होगा। यह नीति न्यू इंडिया बनाने की दिशा में उच्च शिक्षण संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों को उनकी भूमिका फिर से परिभाषित करने की स्वतंत्रता देगी।"

"नई नीति के प्रस्तावों को देखते हुए हमारे विश्वविद्यालयों की पुन कल्पना करने का यह सबसे अच्छा समय है, खासकर तब जब भारत अपने जनसांख्यिकीय लाभांश के रूप में अपने विशाल मानव संसाधनों का इस्तेमाल करने की ओर अग्रसर है। भविष्य की असंख्य चुनौतियों का जवाब देने के लिए विश्वविद्यालयों को भविष्य के लिए तैयार संस्थान बनाया जाएगा।"

डॉ. निशंक ने कहा, "अर्थव्यवस्था सहित सभी क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता का रास्ता शिक्षा और शिक्षा नीति से होकर ही गुजरता है और हमारी नई शिक्षा नीति इंडिया, इंटरनेशनल, इंपैक्टफुल, इंटरएक्टिव और इंक्लूसिविटी के तत्वों को एक साथ समाहित करती है। इस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और क्वांटम कंप्यूटिंग के दौर में हमारी शिक्षा नीति आधुनिकता के सभी आयामों के साथ बहु विषयक और बहुभाषी पक्षों को भी लेकर चल रही है।"

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