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Hindi News एजुकेशन दिल्ली यूनिवर्सिटी में आज होगी DUSU चुनाव के लिए वोटिंग, मगर वोटों की गिनती पर कोर्ट की लगी रोक

दिल्ली यूनिवर्सिटी में आज होगी DUSU चुनाव के लिए वोटिंग, मगर वोटों की गिनती पर कोर्ट की लगी रोक

DUSU चुनाव के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय में आज वोटिंग निर्धारित है मगर पहले से तय तारीख पर अब उन वोटों की गिनती नहीं होगी क्योंकि दिल्ली हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है। आइए आपको बताते हैं कि कोर्ट ने ऐसा क्यों किया।

प्रतीकात्मक फोटो- India TV Hindi Image Source : X HANDLE डूसू चुनाव के वोटों की गिनती पर कोर्ट ने लगाई रोक

आज दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ यानी DUSU के लिए DU के कॉलेजों में वोटिंग की जानी है। लेकिन कोर्ट ने कल यानी 26 सितंबर को इस वोटिंग के मामले में दखल देते हुए एक बड़ी रोक लगा दी। आपको बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने डूसू चुनाव के मद्देनजर सार्वजनिक स्थलों पर पोस्टर लगाने के मामले की सुनवाई करते हुए वोटों की गिनती पर रोक लगा दी है। इसका मतलब आज डूसू चुनाव के लिए वोटिंग तो की जाएगी लेकिन अब पहले से तय तारीख के मुताबिक 28 सितंबर को इन वोटों की गिनती नहीं की जाएगी।

तो फिर कब होगी वोटों की गिनती?

दिल्ली हाईकोर्ट ने डूसू चुनाव के लिए वोटों की गिनती पर रोक लगाते हुए कहा कि जब तक चुनाव में खड़े उम्मीदवार पोस्टर, पैम्फलेट और होर्डिंग नहीं हटा लेते हैं तब तक चुनाव के परिणामों की घोषणा नहीं होगी। कोर्ट ने आगे कहा, 'उम्मीदवारों की तरफ से लगे पोस्टरों, पैम्फलेट और होर्डिंग को हटाने में DU, MCD और DMRC द्वारा जितने पैसे खर्च किए गए हैं उनका भुगतान करना होगा। ये भुगतान दिल्ली विश्वविद्यालय सभी उम्मीदवारों से पैसे वसूल करके करेगा।' कुल मिलाकर बात यह है कि अब कोर्ट के अगले आदेश तक DUSU चुनाव के वोटों की गिनती नहीं होगी।

कोर्ट ने DU अधिकारियों की लगाई थी फटकार

कोर्ट ने कल यानी 26 सितंबर को वोटों की गिनती पर रोक लगाने के अलावा DU के अधिकारियों की भी फटकार लगाई थी। अधिकारियों की फटकार लगाते हुए कोर्ट ने कहा, 'नियमों के उल्लंघन से निपटने के लिए एक प्रणाली स्थापित करने में DU विफल रही। DU के अधिकारियों ने मानकों को गिरने क्यों दिया और इसे रोकने के लिए कदम क्यों नहीं उठाए?' कोर्ट ने आगे कहा, अगर विश्वविद्यालय अपने छात्रों को अनुशासित नहीं करेगा तो कौन करेगा। आपके पास सारी शक्तियां हैं। आप छात्रों को निष्कासित या फिर अयोग्य घोषित कर सकते हैं लेकिन आपसे 21 उम्मीदवार नहीं संभाले गए। आप लाखों छात्रों को कैसे संभालेंगे।

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