उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने पेपर लीक के बाद बड़ा फैसला लिया है। आयोग ने पेपर लीक समस्याओं से निपटारे के लिए ठोस कदम उठाने की दिशा में काम कर रहे हैं। इसी दिशा में काम करते हुए आयोग ने फैसला किया है कि अब भर्तियों के लिए होने वाली लिखित परीक्षाएं किसी भी वित्तविहीन स्कूलों में नहीं होगी। RO/ARO की प्रारंभिक परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद आयोग अपनी परीक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव करते हुए कड़े फैसले लिए हैं। इस पेपर लीक मामले की जांच में वित्तविहीन स्कूलों की मिलीभगत भी सामने आई है। ऐसे में आयोग ने इन स्कूलों को केंद्र न बनाने की सिफारिश योगी सरकार से की जाएगी।
आयोग पहले ही मांगेगा लिस्ट
हिंदुस्तान लाइव की एक खबर के मुताबिक, अब परीक्षा के लिए आयोग 1 महीने पहले ही केंद्रों की लिस्ट जिलों से मांग लेगा। इसमें आयोग राजकीय और सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों को ही केंद्र बनाएगा। वहीं, बाहर से आने वाले उम्मीदवारों की सहूलियत का ध्यान रखते हुए आयोग जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर के अंदर ही केंद्र बनाएगा। साथ ही प्रश्नपत्रों को सेक्टर मजिस्ट्रेट के सामने ही खोला जाएगा। अभी वर्तमान में एक सेक्टर मजिस्ट्रेट 4-5 केंद्रों के प्रश्नपत्र के पैकेट पहुंचाते हैं।
एसटीएफ की जांच रिपोर्ट के बाद होगा फैसला
जानकारी के लिए बता दें कि आयोग को अभी एसटीएफ की पूरी जांच रिपोर्ट का इंतजार है और उसके बाद कई जरूरी निर्णय लिए जाएंगे। पर पेपर लीक की घटना होने के बाद से कई जरूरी प्वाइंट्स पर विचार चल रहा है।
आयोग उठाएगा ये बड़े कदम
- एक ही परीक्षा के क्वेश्चन पेपर अलग-अलग 2 प्रेस में छपवाने की तैयारी
- वित्तविहीन स्कूलों में नहीं होगा एग्जाम
- सेक्टर मजिस्ट्रेट के सामने ही खोले जाएंगे क्वेश्चन पेपर
- 15 किलोमीटर के दायरे में बनाया जाएगा एग्जाम सेंटर
- यूपी बोर्ड की तर्ज पर CCTV से होगी निगरानी
- एग्जाम हॉल में ही सील होगी ओएमआर शीट
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