दलित छात्र के आईआईटी एडमिशन मामले से यूपी सरकार ने ली सीख, अब करने जा रही ये बड़ा काम
यूपी की योगी सरकार ने दलित छात्र के आईआईटी एडमिशन मामले से बड़ी सीख ली है। सरकार जल्द ही देश के सभी बड़े संस्थानों को समाज कल्याण विभाग के साथ रजिस्टर करने जा रही है।
उत्तर प्रदेश के एक दलित छात्र द्वारा फीस भुगतान में देरी के कारण अपनी आईआईटी सीट लगभग गंवाने के बाद, राज्य सरकार छात्रों को छात्रवृत्ति देने के लिए सभी आईआईटी, आईआईएम और अन्य प्रमुख संस्थानों को अपने समाज कल्याण विभाग के साथ रजिस्टर करने की योजना बना रही है। सबसे पहले इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी), धनबाद को रजिस्टर किया जाएगा, जिसे सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने मुजफ्फरनगर के टिटोरा गांव के एक दिहाड़ी मजदूर के बेटे अतुल कुमार (18) को दाखिला देने का निर्देश दिया था।
फीस नहीं कर सके थे जमा
बता दें कि अतुल कुमार को IIT धनबाद में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग ब्रांच में सीट मिली थी, पर समय पर वह 17,500 रुपये फीस न जमा कर सके जिसके बाद उन्हें एडमिशन नहीं मिला था। फिर सुप्रीम कोर्ट ने मामले में दखल दिया और संस्थान को एडमिशन देने का निर्देश दिया। इसके बाद बुधवार को, उत्तर प्रदेश सरकार ने घोषणा की थी कि वह छात्रवृत्ति के माध्यम से अतुल कुमार की पूरी फीस वहन करेगी। इसी के मद्देनजर योगी सरकार अब अतुल कुमार जैसे सभी छात्रों की मदद करने की योजना बना रही है।
मंत्री ने दी जानकारी
समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने कहा, "हम आईआईटी और आईआईएम समेत राज्य के बाहर स्थित सभी देश के संस्थानों को रजिस्ट्रेशन के लिए लिखेंगे, ताकि इन संस्थानों में एडमिशनल लेने वाले राज्य के सभी पात्र उम्मीदवारों को छात्रवृत्ति निर्बाध मिल सके।" उन्होंने कहा कि उन्होंने आईआईटी धनबाद के रजिस्ट्रार से बात की है और संस्थान के गुरुवार तक समाज कल्याण विभाग में रजिस्टर होने की संभावना है।
मंत्री ने संस्थान के अधिकारियों से की बात
मंत्री ने आगे कहा, "मैंने आईआईटी धनबाद के अधिकारियों से बात की है और उम्मीद है कि जब तक अतुल संस्थान पहुंचेगा, तब तक संस्थान हमारे साथ रजिस्टर हो जाएगा, जिससे भविष्य में उसे और राज्य के अन्य सभी पात्र छात्रों को छात्रवृत्ति का सुचारू हस्तांतरण सुनिश्चित हो जाएगा।" "अभी तक, उत्तर प्रदेश के बाहर के कई आईआईटी जैसे संस्थान हमारे साथ रजिस्टर नहीं हैं। आईआईटी धनबाद भी हमारे साथ पंजीकृत नहीं था। इसलिए, मैंने संस्थान के रजिस्ट्रार को फोन किया, जो कन्नौज (अरुण के विधानसभा क्षेत्र) से निकले।
अतुल कुमार को "फ्री-शिप कार्ड"
फिर उन्होंने आगे कहा, "यह निर्णय लिया गया है कि आईआईटी धनबाद को हमारे साथ तत्काल रजिस्टर किया जाएगा,(संभवतः गुरुवार तक) ताकि छात्रवृत्ति देने का चैनल जल्द तैयार हो सके।" अभी, उत्तर प्रदेश सरकार के तीन विभाग- समाज कल्याण, पिछड़ा वर्ग कल्याण और अल्पसंख्यक कल्याण- छात्रवृत्ति देते हैं। समाज कल्याण विभाग सभी छात्रवृत्तियों के लिए नोडल विभाग है और इसके लिए नियम बनाता है। उन्होंने कहा कि उनका विभाग अतुल कुमार को "फ्री-शिप कार्ड" भी जारी करेगा। मंत्री ने कहा, "इसी साल शुरू की गई यह कार्ड सुविधा पात्र छात्रों को किसी संस्थान में एडमिशन लेने की अनुमति देती है और उस कार्ड के आधार पर, यह छात्र वह हासिल कर सकेगा जिसे पहले जीरो-बैलेंस-एडमिशन कहा जाता था।"
इससे पहले, मंत्री अरुण ने अतुल कुमार के परिवार से फोन पर बात की और उन्हें भरोसा दिया कि राज्य सरकार उनकी शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।
(इनपुट- पीटीआई)
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